मध्य प्रदेश के दमोह स्थिति स्कूल गंगा जमना में जहां जेहादी नेक्सस एक्टिव था जहां धर्मांतरण का खेल खुलेआम चल रहा था मानों उन्हें धर्मांतरण की अनुमति प्राप्त हो। वहां की प्रिंसिपल और 2 अन्य शिक्षिकायें भी धर्मानतरित हैं और वो सब मिलकर स्कूल के हिंदू छात्रों का ब्रेनवाश कर उन्हें धर्मांतरित करने में लगे थे। बच्चों को जबरन नमाज अदा करवाते और दुवा करवाते, हिजाब के बिना तो एंट्री भी नहीं थी।
पोल तब खुली जब स्कूल ने रिजल्ट का एक बोर्ड लगाया जिसमें मुस्लिम ही नहीं हिंदू छात्राओं के फोटो भी हिजाब में थे। लोगों ने विरोध किया और खुद गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने इसपर संज्ञान लेते हुए स्कूल को मान्यता रद्द कर दी, लेकिन दमोह के कलेक्टर स्कूल का पक्ष ले रहे थे और आरोपों को खारिज करते हुए ट्वीट डाल दिया।
राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार स्पष्ट कह चुके हैं कि कलक्टर मयंक अग्रवाल को कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
मंत्री ने कहा कि ये सिर्फ स्कूल या नियम प्रक्रिया का मामला नहीं है, बल्कि समाज में द्वेष फैलाने का विषय है। मंत्री ने ये भी कहा कि स्कूल में कई तरह की अवैध गतिविधियाँ चल रही थीं। स्कूल के बचाव में बार-बार कलक्टर का बयान आ रहा है, इस संबंध में भी परमार ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि टेरर फंडिंग का मामला भी सामने आया है, इसके बावजूद ऐसा लगता है कि कलक्टर की स्कूल के साथ मिलीभगत है।
तीनों धर्मांतरित शिक्षिकाओं ने भी अपनी शिकायत इसी DM से की और अपनी मर्जी से निकाह तथा धर्मांतरण की बात कहीं। वहीं DEO जिनपर श्याही फेंक आक्रोशित लोगों ने मुंह काला किया उनका कहना है को इस मामले से उनका कोई लेना देना ही नहीं। लेकिन क्या जिला का शिक्षा अधिकारी होने के नाते उनकी नाक के नीचे इतना कुछ होने पर उन्हें दोष न दिया जाए?
इस पूरे मामले को देखकर sudrashan news द्वारा बताए गए #Upsc_Jihad को यादें ताजा हो गई, कोई जन्म और नाम से जेहादी होता है तो कोई दिमाग से जिसका ब्रेनवाश कर दिया जाता है। दूर टाइप के लोग ज्यादा खतरनाक बन जाते हैं।