थालियों से कूड़े तक जाती है रोटियां उन्हीं की... जिन्हें पता नहीं होता भूख क्या होती है।अन्न को दुरुपयोग से बचाने की छोटी सी पहल के लिए वैवाहिक समारोह बना सराहनीय बंधन
आजकल लोग जागरूक हो रहे हैं केवल धार्मिक ही नहीं सामाजिक मामलों में भी लोगों में जागरूकता देखी जा सकती है। उपरोक्त मामला बड़नगर का है जहां अन्न का अपमान ना हो उसकी बर्बादी ना हो इस सोच के साथ और लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हाल में बड़े बड़े बैनर लगे जिनपर बहुत ही सराहनीय स्लोगन लिखे थे
थालियों से कूदे में जाति हैं रोटियां उन्हीं की, जिन्हें पता नहीं होता कि भूख क्या होती है।
रोटी से विचित्र कुछ नहीं है । आप जिसे पचाने को दौड़ते हो, कुछ लोग इसे पाने को दौड़ते हैं।
कुकुछ लोग यू फेंक देते हैं बचे हुए खाने को, शायद उन्हें अंदाजा नहीं भूखे तरसते हैं उसे पाने को।
इतना ही लेना थाली में, व्यर्थ ना जाए थाली में।
ऐसे कुछ जागरूकता फैलाने वाले स्लोगन के साथ बैनर लगाना अपने आप में एक सराहनीय कदम है और समाज के हर नागरिक को ऐसे छोटे छोटे जागरूकता लाने वाले कार्य जैसे भी संभव हो जरूर करने चाहिए।