बृजभूषण पर मुख्यतः 2 प्रकार के मामले थे 1 बालिक पहलवानों के शोषण का जिसमें आरोप पहलवानों को सिद्ध करना है और दूसरा नाबालिक के शोषण का जिसमें pocso के कारण खुदको निरपराध बृजभूषण को सिद्ध करना था। अब दूसरा मामला तो खुद ही साफ हो गया और पहलवानों को बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग भी धारी रह गई। अब क्या करेंगे पहलवान, खाप और डकैत? और इनके चमचों का क्या होगा? वो किस बिल में छुपेंगे?
ये जो पहलवानों के नाम पर खेल चल रहा है वो लोगों को साफ साफ समझ आ रहा है, ये सच है या #Toolkit लोग समझ रहे हैं, क्योंकि ये मामला शुरू से ही गोल गोल घूम रहा है। कभी नियमों के कारण विरोध तो फिर शोषण के आरोप फिर नाबालिक का शोषण फिर संसद को घेरने का षड्यंत्र और फिर मेडल बनाने का ड्रामा।
अब सारी पिक्चर क्लियर है , कोई दोषी है और कौन नहीं जल्द ही सबके सामने आ जाएगा और जो भी दोषी हो उसे ऐसी सजा मिले की सदियों तक याद रखा जाए।
Opindia की रिपोर्ट के अनुशार भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने नाबालिग महिला पहलवान का यौन शोषण नहीं किया था। यह बात मीडिया रिपोर्टों में नाबालिग पहलवान के पिता के हवाले से कहा गया है। पिता का कहना है कि उनकी बेटी के साथ भेदभाव हुआ था। उन्होंने गुस्से में आकर शिकायत दर्ज कराई थी।
नाबालिग पहलवान द्वारा यौन शोषण के आरोप वापस लेने की खबरें ऐसे समय में आई है, जब केंद्र सरकार ने पहलवानों को 15 जून तक जाँच पूरा होने का भरोसा दिलाया है। वैसे इससे पहले भी मीडिया में इस तरह की खबरें आईं थी कि नाबालिग पहलवान ने कोर्ट से शिकायत वापस ले ली है। लेकिन तब इस पहलवान के पिता ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया था।
दैनिक भास्कर से बातचीत में नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा, “बेटी के साथ भेदभाव के कारण हमारे अंदर गुस्सा था। फेडरेशन ने हमारी अपील नहीं सुनी। हमने पुलिस को जो शिकायत दी थी, उसमें कुछ सच और कुछ गलत था। सही और गलत को कोर्ट में जाकर स्पष्ट कर दिया है।” हिंदुस्तान ने उनके हवाले से कहा है, “यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई। लेकिन मेरी बेटी के साथ भेदभाव किया गया। मैंने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट कर दिया था कि महासंघ के अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) ने किसी तरह का उत्पीड़न नहीं किया। लेकिन मैं भेदभाव की शिकायत से पीछे नहीं हट रहा।”
न्यूज 18 के साथ बातचीत में भी नाबालिग पहलवान के पिता ने बयान बदले जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है, “हमने किसी लालच, डर या दबाव में बयान नहीं बदला है। यह पूरी तरह सत्य है कि मेरी बेटी नाबालिग है। हमने केस वापस नहीं लिया है। बस बयान बदला है।” आज तक से नाबालिग महिला पहलवान के पिता ने कहा है, “बृजभूषण और WFI ने एशियाई चैंपियनशिप के लिए चयन में पक्षपाती फैसले लिए थे। इससे मेरी बेटी प्रभावित हुई थी। जब पहलवान शुरू में विरोध पर बैठे तो उन्होंने गुस्से में आकर शिकायत की थी। उन्हें अब भी लगता है कि चयन प्रक्रिया में उनकी बेटी के साथ भेदभाव हुआ था।”