Manish kashyap जिसपर NSA लगाकर तमिलनाडु के जेल में रखा गया है उसने पहले ही बिहार में गिरे इस पुल को पोल खोल दी थी। ये पुल 2014 से ही बन रहा है। पिछली बार जब ये ध्वस्त हुआ था, उसके बाद मनीष कश्यप यहाँ पहुँचे थे और ‘सच तक न्यूज़’ पर वीडियो डाल कर भी बताया गया था कि कैसे मनीष कश्यप को देखते हुए वहाँ के इंजीनियर लोग भागने लगे थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि बिना इंजीनियर की देखरेख में काम चल रहा है, इसीलिए ये दुर्घटनाएँ हो रही हैं। उन्होंने पूछा था कि बिना निगरानी में काम में कोई गड़बड़ी हुई तो कौन देखेगा? मजदूरों की सेफ्टी का भी ध्यान नहीं रखा गया था, कइयों ने हेलमेट भी नहीं पहना था। इस दौरान एक मजदूर कहता भी है कि आपके कैमरे की वजह से सारे इंजीनियर हटे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने एसपी सिंगला का भी नाम लिया था, जिन्हें बिहार में अधिकतर पुल के टेंडर मिलते हैं।
एक व्यक्ति ने बताया कि खुद मिस्त्री ने बताया है कि सीमेंट की क्वालिटी ठीक नहीं थी। बीच में सीमेंट के बोर छोड़ दिए गए थे, सीमेंट ऊपर-नीचे होने के कारण पानी लगने की समस्या भी आ सकती है, ये भी मनीष कश्यप ने बताया था। अब पूरा देश इस पुल के ध्वस्त होने का नजारा देख रहा है। इस पुल को तैयार करने की समयसीमा 8वीं बार बढ़ चुकी है। इसे 2019 में ही तैयार किया जाना था। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था।
खासबात ये हैं को सालभर में बिहार में कुल 7 पुल गिरे हैं 👉जानकारी के लिए पढ़ें opindia की ये रिपोर्ट