देश में लगातार हत्याएं हो रही हैं, हर थोड़े दिन में हत्या हो जाती है और लगतारा हत्याओं का दौर चलता जा रहा है, ये रुक नहीं रहा। या कैसे रुकेगा? कौन रोकेगा इन अपराधों को? कैसे रुकेगी हत्याएं?
हत्या होती है और हत्या के बाद जनता आक्रोश व्यक्त करती है, लोग ट्विटर पर ट्रेंड करते हैं, तख्ती लेकर सड़कों पर उतरते हैं, कैंडल मार्च निकालते हैं न्याय की मांग करते हैं लेकिन फांसी किसी भी हत्यारे को नहीं होती।
क्या ट्विटर पर ट्रेंड चलाने, तख्ती लेकर सड़कों पर उतरने, कैंडल मार्च करने से हत्यारे हैवानों को फांसी होगी? यदि होती तो अंकिता, श्रद्धा, अंकित, dr नारंग, चंदन ऐसे सैकड़ों लोगों के हत्यारों को फांसी होती। लेकिन अब तक किसीको भी फांसी नहीं हुई।
क्योंकि भारत में कानून घटिया, व्यवस्था घटिया और न्याय व्यवस्था सड़ी हुई है जो न्याय करने में समर्थ है ही नहीं। यहां करोड़ों केस अदालतों में पेंडिंग पड़े हैं, कई लोग न्याय की राह देखते देखते दुनिया छोड़कर चले जाते हैं।
ध्यान से सुनिए अश्विनी उपाध्याय जी का ये वीडियो और इस आंदोलन को समझिए इसमें अपनी शक्ति लगाइए ताकि ये सफल हो और भविष्य में अपराधियों को फांसी हो ताकि हमें वापस हमारी बहन बेटियों को हत्या पर बार बार ट्विटर ट्रेंड, कैंडल मार्च करने की जरूरत ना पड़े... Video अवश्य देखें और 7 अगस्त की प्लानिंग अभी से शुरू कीजिए।
ना घरों से निकलकर किसी मार्च में सम्मिलित होना है ना जंतर मंतर जाना है ना कहीं कैंडल मार्च निकालना है केवल एक कानून जो आजादी के पहले का हो जो अभी चल रहा है वह मंगाना है और 7 अगस्त को ठीक 10:00 बजे उसे अग्नि के हवाले करके उसका वीडियो बनाकर ट्वीट करना है फेसबुक पर डालना है इंस्टाग्राम यूट्यूब सभी जगह फैलाना है और सरकार तथा प्रशासन को बताना है कि अब उन अंग्रेजी कानूनों को खत्म करके नए मजबूत कानून लागू करने हैं जो हमें न्याय दे सके अपराधियों को सजा देने की हिम्मत कर सकें
#AndhaKanoon