केरल के HC ने आज मूवी #TheKerelaStory के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सेक्यूलरिज्म का असली पाठ पढ़ाया है। फ्री स्पीच की डुगडुगी बजाने वालों को केरल HC ने आज असल फ्री स्पीच का मतलब समझाया
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हो रहे वकील दुष्यंत दवे के कुतर्कों को मानने से इनकार कर दिया है। जब दवे ने कहा कि यह फिल्म समाज के बंधुत्व के खिलाफ है तो केरल हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति नागरेश ने उन्हें बता दिया कि इस मूवी में एक समुदाय के खिलाफ कुछ है नही।
कोर्ट ने कहा कि जब सेंसर बोर्ड ने भी अप्रूवल दे दी है तो भला क्या समस्या, दवे ने फिर इस मूवी को भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ बता डाला, कोर्ट ने कहा कि ये तो स्टोरी है कोई हिस्टोरिक फैक्ट तो है नहीं लेकिन ये सब सुनने के बाद भी दवे के तर्क जारी रहे।
जब दवे ने कहा कि यह कानूनों का उल्लंघन है तो कोर्ट ने उन्हें याद दिलाया कि एक ऐसी ही मूवी में पुजारी एक मूर्ति पर थूकता है तब तो किसी को कोई समस्या नहीं थी, ऊपर से ये एक अवार्ड विनिंग मूवी है। ये सुनकर दवे ने कह दिया कि उन्होंने तो देखी ही नहीं है।
इस पर कोर्ट ने फिर उन्हें याद दिलाया है कि ऐसी असंख्या मूवी हैं जिनमें हिन्दू सन्यासियों को तस्करों की तरह दिखाया गया है, तब तो कुछ नहीं होता है ना ही कोई कुछ कहता है
दवे को इस पर कहना पड़ गया कि अगर पहले ऐसी गलती हुई है तो अब नहीं होनी चाहिए, कोर्ट ने कहा कि ट्रेलर तो नवम्बर में आ गया था तो अब आप क्यों आ रहे हैं।
😁जब कहा गया के काउंसिल के इन्वेस्टिगेशन के हिसाब से लव जिहाद के कोई मामले नहीं है तब कोर्ट ने कहा कि भूत और वेमपायर भी नहीं होते लेकिन उन पर भी फिल्में तो बनती है
अंततः केरल हाईकोर्ट ने भी मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बाद केरल फाइल्स फिल्म पर स्टे लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
केरल स्टोरी पर बैन लगाने के लिए को वकील साहब लड़ रहे थे उनका ये स्टेटमेंट विचारणीय है और सभी माता पिता को अपनी बच्चियों की सुरक्षा के बारे में सोचते हुए इसपर गंभीरता से विचार भी करना चाहिए
पेरेंट्स बच्चों को ऐसे हॉस्टल नहीं भेजेंगे, जहां मुस्लिम रहते हैं
फिल्म को देखने के बाद कई पेरेंट्स सोचेंगे कि मैं अपने बच्चों को ऐसे हॉस्टल में नहीं भेजूंगा, जहां मुस्लिम छात्र रहते हैं, क्योंकि उन्हें डर लगेगा कि कहीं उनके बच्चे भी परिवर्तित न हो जाएं। जब फिल्म वाले कहते हैं कि यह एक सच्ची कहानी है, तो माता-पिता की मानसिकता क्या होगी?