शाक्षी एक दलित (Dalit )समाज की हिंदू बेटी है लेकिन दलितों के नाम पर मलाई खाने वाले नेता अब तक क्या कहीं नजर आए? क्या हाथरस की तरह वो शाक्षी के घर आयेंगे? और अपराधी के लिए कड़ी सजा की मांग करेंगे?
वैसे शाक्षी पहली नहीं हैं, इसके पहले श्रद्धा जो आफताब की शिकार हुई वो भी दलित थी, अंकिता जो अरमान अंसारी की शिकार हुई वो आदिवासी थी... लेकिन जय भीम जय मीम वाले कथित एक्टिविस्ट बिलकुल मौन हैं...
वैसे हम राजनीतिक जाति वाद से दूरी बनाते हैं और हिंदुओं की बात करते हैं, लेकिन हिंदुओं को तोड़ने के लिए अलग अलग संगठन बनाकर षड्यंत्र करने वालों से ऐसे समय पर प्रश्न कर उनकी पोल खोलनी जरूरी है।
कथित दलित हित चिंतक केवल उन मामलों में बोलते हैं जहां हिंदू आपस में लड़ रहे हों, वो तब बिलकुल गायब हो जाए हैं जब अपराधी इनके "जीजा" जेहादी होते हैं और पीड़ित दलित हिंदू।
दलित बंधुओं से बस यही विनती है कि किसी षड्यंत्र के शिकार ना बनें और अपने ही धर्म सनातन (हिंदू) से षड्यंत्रकारियों के बहकावे में आकर इतनी दूरी ना बनाएं को जेहादी फायदा उठाएं और आप तथा है कुछ ना कर पाए।
संगठित हिन्दू, सशक्त हिंदू , सुरक्षित हिंदू।