. #शुभ_रात्रि
कर्म और पुनर्जन्म की धारणा को हिन्दू धर्म मे एक व्यवस्थित सिद्धांत के रूप मे स्थापित किया गया है। कर्म और पुनर्जन्म हिन्दू संस्कृति के आधारभूत तत्व है जिन पर सम्पूर्ण हिन्दू सामाजिक वैचारिकी-वर्ण, आश्रम, धर्म, ऋण एवं संस्कार आधारित है। व्यक्ति का किस योनि या किस वर्ण मे जन्म होगा अथवा उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी, यह उसके द्वारा पूर्वजन्म ( अथवा जन्मों ) के संचित धर्म तथा वर्ण आश्रम, ऋण एवं संस्कार युक्त कर्म के निर्वाह पर निर्भर करता है।
कर्मों को एक वर्गीकरण के अनुसार तीन प्रकार का बताया गया है। ये तीन प्रकार है--
१. कायिक : कायिक कर्म उन कर्मों को कहा जाता है जो काया या शरीर द्वारा किये जाते है।
२. वाचिक : जो कर्म वचन या वाणी द्वारा किये जाते है उन्हें वाचिक कर्म कहा जाता है।
३. मानसिक : मन से सम्पन्न होने वाले कर्म मानसिक कर्म कहलाते है।
इससे भिन्न गीता मे क्रमशः ३ प्रकार के कर्म का उल्लेख किया गया है।
१. सात्विक कर्म : जो कर्म शास्त्र विधि से नियत किया हुआ और कर्तापन से अभिमान से रहित, फल को न चाहने वाले पुरुष द्वारा बिना राग द्वेष से किया हुआ है वह कर्म सात्विक कर्म कहा जाता है (गीता १८:२४)।
२. राजस कर्म : जो कर्म बहुत परिश्रम से युक्त है तथा फल को चाहने वाले अहंकार युक्त पुरूष द्वारा किया जाता है, वह कर्म राजस कर्म कहलाता है। (गीता १८:२५)
३. तामसिक कर्म : जो कर्म परिणाम हानि, हिंसा और सामर्थ्य को न विचारकर केवल अज्ञान से आरंभ किया जाता है, वह कर्म तामस कर्म कहा जाता है। (गीता १८:२५)। संक्षेप मे धर्मानुकुल आचरण सद्कर्म है, जिसका फल अच्छा होता है। गीता (गीता २:३४,३५) मे कहा गया है कि धर्म रूपी कर्म करने से अपकीर्ति और पाप होता है।
कर्मों के फल के आधार पर भी कर्मों का वर्गीकरण किया है। इस आधार पर भी तीन प्रकार के कर्मों का उल्लेख मिलता है--
१. संचित कर्म : इस श्रणी मे वे सब कर्म आते है जिन्हें व्यक्ति ने पूर्व जन्म मे किया है।
२. प्रारब्ध कर्म : पूर्व जन्म के संचिक कर्मों मे जिन कर्मों का फल व्यक्ति वर्तमान जीवन मे भोगता है, उसे प्रारब्ध कर्म कहा जाता है।
३. क्रियमाण या संचीयमान कर्म : व्यक्ति द्वारा इस जन्म मे जो कर्म किया जाता है वह क्रियमाण कर्म कहलाता है। संचित कर्म का भाग जो प्रारब्ध कर्म भोगने के उपरांत शेष बचता है तथा क्रियमाण कर्म इन दोनों पर व्यक्ति का भावी जीवन निर्भर करता है।
. *🚩जय अम्बे 🚩*