Special #जाट_gang के लिए
मैडल ल्वायें है ......!!!!
मैडल ल्वावें है .....!!
अरे कितने मेडल लाई हो ???? और चलो मान लिया कि ल्याई हो , तो क्या घर से निकल के सीधी मेडल ही ठा लाई हो ????
स्पोर्ट्स अथाॅरिटी आफ इंडिया, और WFI ने करोडो खर्चे है तुम मे । पर्सनल कोच , विदेशो मे ट्रैनिंग , विश्व स्तरीय सुविधाऐं , आधी दुनिया का टूर , पुलिस मे DSP का पद । स्पाॅन्सर जुटना , करोडो रूपये दिलवाये है , ट्रैनिंग , साजो सामान और सरकारी खर्चे पर मौज मस्ती करने के लिए ।
और विनेश फौगाट , दो ओलम्पिक खेलकर भी , तुम आज तक कोई ओलम्पिक पदक नही ला पाई । कभी भी क्वार्टर फाईनल तक नही पहुँची तुम । टोक्यो मे तो पहले ही राउंड मे बाहर । और नखरे तेरे सुपरस्टारो वाले थे ।
पहले पर्सनल फीजिओ की माँग । फेडरेशन की मर्जी के खिलाफ , हंगरी मे पति -पत्नि कोच के साथ अकेले ट्रैनिंग । फिर भारतीय कुश्ती दल के साथ रूकने से इंकार । भारत सरकार की Official kit पहने से इंकार ।
और पहले ही राउंड मे धूल चाट गई । किसी दूसरे देश मे ऐसे नखरे , या स्टारडम दिखाने की कोशिश भी की होती तो आजीवन प्रतिबंध लग जाता ।
बडे मैड्डल ल्वाये है । भूखो मरता फौगाट परिवार , आज करोडो का मालिक है , ये दिया है देश ने तुम्हे । मुफ्त मे मैड्डल ले आई के ????
इतनी भी उपलब्धियां नही है कि इतना इतरा सको । भारत मे कितने राज्य महिला कुश्ती लडते है ????
एक दो लडकी यूपी से , दो से पाँच लडकी महाराष्ट्र से , और बाकी सारा हरियाणा ही हरियाणा
काॅमनवैल्थ खेलो मे , जहाँ ना रशियन फेडरेशन की पहलवान आती है , ना ईरानी , और ना जापानी, वहाँ एक आध मेडल लेकर फुदकने वालियो को पता होना चाहिये कि "रेसलिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप" मे भारत की रैंकिंग 43 वीं है ।
वो भी विश्व स्तरीय सुविधाओ, स्पेशल डाईट , पर्सनल फीजिओ, विदेशी कोच , विदेशो मे ट्रैनिंग लेकर भी, तुम पहले राऊंड मे चित्त हुई हो ।
हम तो मैड्डल ल्यावें है जी । भारत सरकार , स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री , WFI की मेहनत , पैसा , और उतना ही प्रयास लगता है उनका भी । वो हाथ खींच लें , तो बीस -बीस रूपये मे गाँव के दंगल लडने की औकात पे वापिस आ जाओगी । ये विदेशी सैर सपाटा , खर्च , सरकारी पैसे पे हनीमून , ये सब मिलता है ,तब आवें है मैड्डल ।
भारत की सबसे नकचढी , बदतमीज , और अनुशासनहीन खिलाडी हो तुम । और ये बात भारत का हर खिलाडी भली भाँति जानता है ।
पीटी ऊषा , मैरीकाॅम , और योगेश्वर दत्त के सामने क्या उपलब्धियां है तुम्हारी ????
और वो लोग है अनुशासित खिलाडी । आज तक एक विवाद नही , कोई फालतू का नखरा , स्टारडम , टीका टिप्पणी कुछ नही । हर जगह तुमसे ज्यादा ही सम्मान पाया है उन्होने ।
उनका एक बयान दिखा दो , कि हम मैड्डल ल्यावें है ।
उसके विपरीत तेरी गज भर लंबी जुबान , अनुशासनहीनता , नखरे , नौटंकी , स्टारडम , खुद को तोपखान और दूसरो को तुच्छ मानने की सनक से आजिज आ चुके है लोग ।
जैसे कैंची की तरह जुबान चलानी सीखी है , जरा सा अनुशासन भी सीख लिया होता ।
हम तो मैड्डल ल्यावै है ।
और हाँ देश जानता है ,कि पाँच फौगाट बहनो के पास , कुश्ती मे एक भी ओलम्पिक मेडल नही है ।
हम तो मैड्डल ल्यावें है जी ।