रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 वर्षीय अरबाज ने हिंसा फैलाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। अकोला के एसपी संदीप घुगे ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हिंसा का पूरा मामला एक विवादास्पद इंस्टाग्राम चैट को लेकर शुरू हुआ था। इसे अरबाज खान ने पहले एडिट किया और फिर चैट वायरल कर पुलिस थाने में लोगों को इकट्ठा किया। खान के कहने पर ही भीड़ ने शहर के अलग हिस्सों में लोगों को उकसाकर हिंसा करवाई।
जाने कैसे अरबाज खान ने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा फैलाई
बताया जा रहा है कि समीर सोनावणे ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के समर्थन में एक इंस्टाग्राम पेज बनाया था। इसमें उसने यह बताया कि कैसे आईएसआईएस से जुड़े लोग हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फँसाते हैं और उन्हें इस्लाम कबूल करने पर मजबूर करते हैं। फिर उन्हें आईएसआईएस आतंकवादियों की सेक्स स्लेव बना दिया जाता है। आरोपित अरबाज ने जब इस इंस्टाग्राम पेज को देखा, तो उसने पेज के एडमिन के साथ चैट करना शुरू कर दिया।
चैटिंग के दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई। देखते ही देखते दोनों की बहस अश्लील और आपत्तिजनक शब्दों तक पहुँच गई। लेकिन चैट खत्म होने के बाद अरबाज ने उसके कुछ विवादस्पद हिस्सों को अलग कर उसे वायरल कर दिया। ध्यान रहे कि सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ इस्लामवादियों का यह एक एक सामान्य तरीका है। वे बातचीत शुरू कर हिंदुओं को उकसाते हैं, फिर उसके कुछ हिस्सों के एडिट कर मुस्लिमों को हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के लिए भड़काया जाता है। यही अकोला में भी हुआ था।
पुलिस ने बताया है कि 23 वर्षीय अरबाज ने सोनावणे के साथ बातचीत शुरू की, जिसने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के समर्थन में एक पेज बनाया था। लेकिन जब खान ने चैट के एडिट हिस्से को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, तो पुलिस स्टेशन में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ जमा हो गई। उसी भीड़ ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में और लोगों को हिंसा करने के लिए उकसाया।
खबरों के मुताबिक, खान ने सोशल मीडिया के जरिए भीड़ को यह कहते हुए उकसाया कि मुस्लिम समुदाय और उनके मजहब के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही जा रही है। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग पहले थाने पहुँचे और शिकायत दर्ज करने को कहा। पुलिस थाने के बाहर जब कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ जमा हो गई, तब ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए गए। मालूम हो कि पिछले साल कथित रूप से इस्लाम का अपमान करने के लिए कई व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी। देश भर में कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ द्वारा इसी तरह के नारे लगाए जाने के बाद नूपुर शर्मा (बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता) का समर्थन करने वाले राजस्थान के उदयपुर के कन्हैया लाल का सिर कलम कर दिया गया था। उमेश कोहली का भी यही हश्र हुआ था।
हिंदुओं करने , प्रताड़ित करने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं, कुछ समय पहले बांग्लादेश में भी मंदिर में मजहबी किया रख अफवाह फैलाई गई और हिंदुओं को मारा, पीटा गया, उनके घर जलाए गए, महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई
हिंदुओं को सावधान रहने की आवश्यकता है.. उन्हें सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार से धर्म द्रोहियों से उलझना नहीं है बल्कि अपने कार्य को करते हुए धर्म के प्रचार प्रसार को आगे बढ़ाना है