श्रद्धा वाल्कर का मामल खूब चर्चा में रहा, श्रद्धा के आशिक आफताब ने उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे ,कुछ को फ्रिज में रखा तो कुछ को जंगल में फेंक दिया। हैवानियत इतनी की शरीर के अंगों को आरी से काटा ताकि आसानी से लास को टुकड़ों में ठिकाने लगाया जा सके ताकि किसीको पता ही न चले की किसीको मारा भी गया है।
श्रद्धा हत्याकांड दिल्ली का अब तक का सबसे बड़ा हत्याकांड माना जा रहा है क्योंकि इस हत्याकांड में श्रद्धा को उसी के बॉयफ्रेंड अफताब ने मार दिया। अपने प्यार पर भरोसा करके श्रद्धा अपना घर परिवार छोड़कर अफताब के साथ चली गई थी और उसी के साथ रहती थी लेकिन अफताब ही उसकी मौत का कारण बन गया।
👇 यहां यह मामला "फेमिनिज्म" का है "लिव इन रिलेशनशिप" का है क्योंकि यहां आप सब ने ना तो अपनी पहचान छुपाई और ना ही श्रद्धा को धर्मांतरित करने का कोई प्रयास किया.
👆 और इस मामले में शिकार होने का सीधा कारण है श्रद्धा के माता-पिता ने उसे पढ़ाई तो खूब करवाई लेकिन ना धर्म ज्ञान दिया ना ही अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों से जोड़ने का प्रयास किया
हिंदू बच्चियों को यदि लव जिहाद के साथ-साथ इस फेमिनिज्म का भी शिकार होने से बचाना है तो उन्हें धर्म का ज्ञान देना होगा उन्हें अपने परंपराओं और रीति-रिवाजों से जोड़ना होग, उन्हें बॉलीवुड से बचाना होगा। लेकिन दुर्भाग्य कि आजकल खुद माता-पिता ही आधुनिकता के चक्कर में अपनी बच्चियों को नचनिया बना रहे हैं जिसका दुष्परिणाम उन्हें कहीं मैं कहीं भुगतना ही होता
जब श्रद्धा अफताब से मिली तो उन दोनों की दोस्ती हो गई और फिर यह दोस्ती सीधे प्यार में बदल गई। श्रद्धा और अफताब का रिश्ता साल 2019 में शुरू हुआ था। जिसके बारे में श्रद्धा के कुछ करीब दोस्तों को ही पता था क्योंकि उन्होंने अपने रिश्ते के बारे में अपने घरवालों को नहीं बताया था।
पर फिर एक दिन श्रद्धा ने अपने परिवार को अफताब के बारे में बता दिया लेकिन दूसरे कास्ट के होने के वजह से श्रद्धा के परिवार वालों ने अफताब को अपनाने से मना कर दिया।
परिवारवालों ने श्रद्धा को समझाया कि वो अफताब को छोड़ दें लेकिन श्रद्धा ने उनकी बात नहीं मानी। और अफताब के साथ घर छोड़कर दिल्ली चली आई।
दिल्ली आने के बाद वह अफताब के साथ वो पहले पहाड़गंज के एक होटल में रह रही थी। फिर वो दोनो साउथ दिल्ली चले गए और वहां उन्होंने महरौली के पास फ्लैट ले लिया। जिसके 10 दिन बाद ही श्रद्धा के मौत की खबर आई थी।
कई सूत्रों के द्वारा ये सुनने को मिला है कि श्रद्धा और अफताब में हमेशा ही लड़ाइयां हुआ करती थी और इनमें से ज्यादातर लड़ाइयां शादी को लेकर होती थी। श्रद्धा अफताब से शादी करना चाहती थी लेकिन अफताब ऐसा नहीं चाहता था।
इसीलिए फिर गुस्से में आकर अफताब ने श्रद्धा को मार दिया और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए। अफताब ने सिर्फ श्रद्धा के टुकड़े ही नहीं किए बल्कि बड़ी बेरहमी से उसके शरीर के टुकड़ों को बाहर ले जाकर रात के समय फेंका जाता था।
जब 1 सप्ताह तक श्रद्धा से उसके परिवार की कोई बातचीत नहीं हुई तब उसके पिता विकास वाकर परेशान हो गए और श्रद्धा की तलाश में वह दिल्ली चले आए।
श्रद्धा के पिता उसके फ्लैट में भी गए थे लेकिन फ्लैट में ताला लगे होने के वजह से वो महरौली के लोकल पुलिस थाने में चले गए और वहां उन्होंने अपने बेटी के लापता होने की रिपोर्ट करा दी।
जिसके बाद जब पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू की तो उन्हें श्रद्धा की हत्याकांड की खबर मिली।
अभी तो केवल इस मामले में आरोप तय हुए हैं, वो भी साकेत कोर्ट द्वारा, अभी तो कई ऊपरी कोर्ट बाकी हैं, ना जाने क्या होगा..सजा मिलेगी भी या नहीं, ये तो समय ही बताएगा, लेकिन फेमिनिज्म के चक्कर में एक हिंदू लड़की ने अपनी जान तो गंवा ही दी जो वापस नहीं आ सकती, एक माता पिता ने अपनी बेटी को दी।