💐💐एक विवाह की अनोखी शर्त💐💐
एक राजा की लड़की की शादी होनी थी, लड़की की शर्त ये थी कि जो भी 20 तक कि गिनती सुनाएगा, उसको राजकुमारी अपना पति चुनेगी! गिनती ऐसी हो जिसमें सारा संसार समा जाए, यदी नहीं सुना सकेगा तो उसको 20 कोड़े खाने पड़ेंगे और ये शर्त केवल राजाओं के लिए ही हैं
अब एक तरफ - राजकुमारी का वरण और दूसरी तरफ कोड़े... एक-एक करके राजा महाराजा आए राजा ने दावत भी रखी मिठाई और सब पकवान तैयार कराए गए।
पहले सब दावत का मज़ा ले रहें होते हैं, फिर सभा में राजकुमारी का स्वयंवर शुरू होता है ।
एक से बढ़ कर एक राजा महाराजा आते हैं। सभी गिनती सुनाते हैं जो उन्होंने पढ़ी हुई थी, लेकिन कोई भी वह गिनती नहीं सुना सका... जिससे राजकुमारी संतुष्ट हो सके! अब जो भी आता कोड़े खा कर चला जाता, कुछ राजा तो आगे ही नहीं आए उनका कहना था! कि गिनती तो गिनती होती हैं... राजकुमारी पागल हो गई है, ये केवल हम सबको पिटवा कर मज़े लूट रही हैं ।
ये सब नजारा देख कर एक हलवाई हंसने लगता है । वह कहता है अरे डूब मरो राजाओं, आप सबको 20 तक गिनती नहीं आतीं हैं ।
ये सब सुनकर सब राजा उसको दण्ड देने के लिए बोलते हैं ।
राजा उससे पूछता है कि तुम क्या गिनती जानते हो यदी जानते हो तो सुनाओ!
हलवाई कहता हैं, हे राजन यदी मैंने गिनती सुनाई तो क्या राजकुमारी मुझसे शादी करेगीं! क्योंकि मैं आपके बराबर नहिं हूं, और ये स्वयंवर भी केवल राजाओं के लिए हैं ।
तो गिनती सुनाने से मुझे कोई फ़ायदा नहीं और मैं नहीं सुना सका, तो सज़ा भी नहीं मिलनी चाहिए।
राजकुमारी बोलती हैं, ठीक हैं यदी तुम गिनती सुना सके तो मैं तुमसे शादी करूंगी और यदि नहीं सुना सकें... तो तुम्हें मृत्युदंड दिया जायेगा......
सब देख रहे थें... कि आज तो हलवाई की मौत तय हैं ।
हलवाई को गिनती बोलने के लिए कहा जाता हैं ।
राजा की आज्ञा लेकर हलवाई गिनतीं शुरू करता हैं ।
🌹( १ ) - एक भगवान
🌹( २ ) - दो पक्ष
🌹( ३ ) - तीन लोक
🌹( ४ ) - चार युग
🌹( ५ ) - पांच पांडव
🌹( ६ ) - छह शास्त्र
🌹 ( ७ ) - सात वार
🌹( ८ ) - आठ खंड
🌹( ९ ) - नौ ग्रह
🌹( १० ) - दश दिशा
🌹( ११ ) - ग्यारह रुद्र
🌹( १२ ) - बारह महिनें
🌹( १३ ) - तेरह रत्न
🌹( १४ ) - चौदह विद्या
🌹( १५ ) - पन्द्रह तिथि
🌹( १६ ) - सोलह श्राद्ध
🌹( १७ ) - सत्रह वनस्पति
🌹( १८ ) - अठारह पुराण
🌹( १९ ) - उन्नीसवीं 'तुम' और
🌹( २० ) - बीसवा 'मैं'
सब हक्के-बक्के रह जाते हैं, राजकुमारी हलवाई से शादी कर लेती है !
क्योंकि इस गिनती में संसार के सारी वस्तु मौजूद हैं, यहां से पता चलता है कि शिक्षित होने से बड़ा तजुर्बा है..!!
*🙏🏻🙏🏼🙏🏽जय जय श्री राधेकृष्ण 🙏🏾🙏🏿🙏*
13 विध्या 14 रतन
ReplyDelete13 रत्न कौनसे है
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