सेम सेक्स मैरेज।।
कल से लगभग ट्विटर पर इसी के बारे में बात हो रही है।। अनेक लोग समलैगिकता को मान्यता दे रहे हैं पर शादी के खिलाफ हर कोई।।
समलैगिक्ता प्राकृतिक नही है।। ना हीं ऐसे रिश्तों को समर्थन कर सकते।। पर अगर फिर भी कोई ऐसा जीवन जी रहा है,, तो उसकी मानसिक विकृति है।।
अब बात शादी की,,
तो सबसे पहले इसमें केंद्र सरकार का पक्ष स्पष्ट है जो सरकार ने कोर्ट को भी बोल दिया है की इस पर कोई भी सुनवाई करने की आवश्यकता नहीं है और कानून बनाने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को नही संसद को है।।अर्थात सरकार का मत स्पष्ट है की वो इसके पक्ष में बिलकुल भी नहीं है।।
सब से बड़ी एक बात और की समलैंगिक शादी खिलाफ वैसे ही जैसे जहर पीने के खिलाफ ।। जिसके कई कारण है।।
एक कारण ये की कल उठ के पुरुष पुरुष या स्त्री स्त्री की आपस में नही बनती,,और वो डाइवोर्स ले लेते है तो एलिमनी कोन देगा.!?
और बाकी कारणों में से मुख्यतः कारण एक ये है की,, अगर दो समलेंगिग पुरुष शादी करते है... & कही से बच्चे का भी जुगाड कर लेते है तो वो एक बच्चे को क्या जीवन देंगे.!?
क्या वो बच्चा खुद भी उनकी तरह बनने ना लगेगा.!.!?
जब के हो सकता है की वो बच्चे की प्रकृति बिल्कुल सही हो,, वो बच्चा प्राकृतिक तौर पर वैसा हो भी नही जैसे लोग उसके सामने घूम रहे है।।
क्या ये चीज आगे चल के आने वाली पीढ़ी या फिर मनुष्य सभ्यता को ही नष्ट ना कर देगी.!?
अगर इसको मान्यता मिल जाती है तो मनुष्य सभ्यता स्वयं ही पशु से भी निम्न स्तर पर जाकर स्वयं के विनाश का कारण बनेगी।।
सभी संतों और संगठनों को भी इसका भारी विरोध करना चाहिए
आचार्य लोकेश मुनि जी ने विरोधस्वरूप SC के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी, जिसे कोड करते हुए आने संगठनों संतो को टैग करके समिति ने भी ट्वीट किया👇 RT MAX🔁
रिट्वीट करें https://twitter.com/OfficialTeamPs/status/1648730207736700934?t=_zHH_owIVPeOWzV96xfUcQ&s=19