The kerala story सत्य घटनाओं पर आधारित एक ऐसी फिल्म है जो जेहादियों के जेहादी कारनामों को तो एक्सपोज करेगी ही, साथ ही जेहादियों के कारनामों के पीछे की पूरी कड़ियों को भी दुनिया के सामने नंगा करेगी, साथ ही ये फिल्म उन कारणों को भी दिखाएगी जिनके परिणामस्वरूप हमारी बच्चियां (काफिर - चाहे किसी मत की हो, किसी राज्य की जो, किसी राजनीतिक पार्टी को हो, किसी भी देश की हो) इन जेहादियों की शिकार होती हैं।
इस फिल्म में ना कोई प्रोपोगेंडा है न कोई खेल , इसमें है तो बस नंगा सच है जो सभी काफिरों को अवस्य जानना चाहिए।
प्रशासक समिति की टीम निर्माता निर्देश मिली और इसकी पूरी स्टोरी को बारीकी से समझा है, जिसके बाद हम कह सकते हैं की कुछ लोगों के मन में ऐसा संदेह है की कहीं ट्रेलर कुछ और तथा फिल्म कुछ और तो नहीं होगी जैसे हाल ही में एक फिल्म हिंदुत्व आई थी, तो हम बताना चाहेंगे की इस फिल्म में ऐसा कोई खेल नहीं है,
इस फिल्म में 4 लड़कियों की कहानी है जिसमें एक हिंदू, एक कम्युनिस्ट/वामपंथी (नास्तिक), एक क्रिश्चियन और एक मुस्लिम होती है। मुस्लिम लड़की अपने जेहाद के काम को अंजाम देते हुए तीनों लड़कियों का पूरे व्यवस्थित सिस्टम के साथ, जेहादी लड़कों मौलवी आदि के सहयोग से फंसाती है।
यह फिल्म जिहादियों के उस खेल से पर्दा उठाएगी जो अब तक पर्दे के पीछे चल रहा था और हजारों लड़कियों को बर्बाद कर रहा था। अब इस खेल को समझने के बाद हो सकता है कि हमारी बच्चियां इन जिहादियों के चंगुल में ना फंसे इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि यह फिल्म हमारे समाज की हर बच्ची देखें और हर माता-पिता भी इस फिल्म को देखें तथा समझे कि यदि उन्होंने अपने बच्चों को सही धर्म ध्यान नहीं दिया संस्कार नहीं दिए अपनी परंपराओं से परिचित नहीं करवाया तो कोई जिहादी उनके दिमाग पर कब्जा कर लेगा और फिर वही होगा जो इस फिल्म में उन तीन हिंदू क्रिश्चियन और कम्युनिस्ट लड़कियों के साथ होता हुआ दिखाया गया। एक ने आत्महत्या कर ली तो एक सेक्स्व की भयानक जिंदगीजी ने को मजबूर हुई, और एक के हिस्से में आई जिंदगी भर तड़पने की पीड़ा।
लेकिन यह कहानी वास्तव में केवल 3 लड़कियों की नहीं और ना ही केवल केरल की 32000 लड़कियों की है अपितु यह कहानी पूरे देश ही नहीं पूरे विश्व की काफिर लड़कियों की है जिन्हें यह जिहादी अपना शिकार बनाते हैं और इनका पूरा जिहादी इकोसिस्टम इसी काम को पूरी शिद्दत के साथ आगे बढ़ा रहा है
इस फिल्म में जेहादियों के खेल को तो एक्सपोज किया ही है साथ ही इस फिल्म में यह भी बताया है कि आखिर हमारी बच्चियां किस प्रकार इन जिहादियों की आसान शिकार बनती है और उसके बाद ऐसी भयानक यात्राएं सहती है जो ना तो वह सहना चाहती है और ना ही उनके माता-पिता चाहेंगे कि उनकी बच्चियों के साथ ऐसा व्यवहार हो।
मॉर्डनाइजेशन के चक्कर में हमने अपनी बच्चियों को कथित फ्रीडम दे दिया लेकिन उन्हें अपने संस्कार देना ही भूल गए उन्हें अपने धर्म से परिचित करवाना ही भूल गए उन्हें अपनी परंपराओं का निर्वहन करना सिखाना ही भूल गए और यही कारण है कि हमारी बच्चियों पर आसानी से यह मलेच्छ हावी हो जाते हैं और उन्हें अपने जाल में फंसा कर पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं।