कुछ मीडिया वाले लिख रहे हैं की राजस्थान में हैवानियत की सारी हदें पार , लेकिन जरा सोचिये की क्या वाकई अब भी हैवानियत की कोई हदें बची हैं? क्या जेहादी घटनाओं ने अब भी कोई हद छोड़ी हुयी है ? और क्या ये सब का गुनेहगार भारत का कमजोर कानून भी नहीं है जो अपराधियों को सजा देने में असमर्थ नजर आता है ? अनेकों मामलों में तो कानून भी मुश्लिम तुष्टिकरण के मार्ग पर चलता नजर आता है, जिसके कारण जेहादियों की दिन ब दिन हिम्मत बढ़ रही है और हैवानियत की हदी भी. अपराध तभी बढ़ते हैं जब कानून व्यवस्था कमजोर हो , यदि कानून का भय हो अपराधियों को तभी तो अपराध रुकेंगे ना?
राजस्थान के बाड़मेर में एक वंचित समाज की विवाहित महिला के साथ हैवानियत का मामला सामने आने के बाद से सनसनी फैल गई है। महिला के साथ पड़ोसी युवक शकूर खान ने पहले तो दुष्कर्म किया फिर उसे थिनर डालकर जला दिया। घटना के बाद जैसे ही हंगामा मचा तो अन्य लोगों ने मौके पर पहुंचकर महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन तब तक महिला के शरीर अधिकतर हिस्सा जल चुका था और उसकी जोधपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।
आखिर क्या दोष था महिला का ? वो काफिर थी यही दोष था? यदि आपके आस पास , आपके क्षेत्र में जेहादी रहते हैं और आप सावधान नहीं है तो ऐसा कुछ होने में समय नहीं लगेगा... और इन्हें आस पास बसाने वाले भी तो आप ही हैं.
घटना ६ अप्रैल की है महिला का पति मजदूरी करने चला गया और बच्चे स्कूल चले गए तो टाक लगाए बैठा जेहादी सकूर पूरी तैयारी के साथ यानि आग लगाकर मारने के लिए थीनर लेकर महिला के घर आया उसे कमरे में ले जाकर उसका बलात्कार किया फिर थीनर डालकर उसे आग लगा दी जिससे बादमें इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी.
भारत में हिन्दू महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं लेकिन मजाल कोई बुद्धिजीवी , कोई नेता इन कटटरपंथियों के लव जिहाद , बलात्कार जिहाद और हत्या जिहाद पर कुछ बोल दे ... ध्यान रहे जेहादी ने ये दुष्कर्म उस महीने में किया जिसे ये पवित्र कहते हैं...