प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भर के एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यह सदी भारत की है। हर भारतीय ऐसा महसूस भी करता है। इस अमृतकाल का उपयोग पाँच विचारों या पंच प्राणों को अपनाकर उपलब्धियों को हासिल करने के लिए किया जा सकता है। पीएम मोदी ने 5 विचारों के बारे में भी बताया जिसके अनुसार पहला है- विकसित भारत का लक्ष्य, दूसरा है- गुलामी की मानसिकता के सभी निशानियों को हटाना, तीसरा- अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व करना, चौथा- आपसी एकता को और मजबूत करना और पाँचवाँ है- अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करना।
अब इन ५ प्रण से आप क्या समझते हैं ये आपकी बुद्धि और विवेक पर निर्भर करताहै , लेकिन हमने जो समझा वो हम आपको बता रहे हैं
१- विकसित भारत का लक्ष्य, - यानि देश को विकसित बनाने के लिए तो मेहनत करनी ही है साथ ही जो मानशिकता, जो सोच , जो षड्यंत्र देश के विक्षित होने की दिशा में रोड़ा बने उन्हें भी तो ख़त्म करने पर विचार करना होगा .
२- गुलामी की मानसिकता के सभी निशानियों को हटाना- अब इसके लिए देश भर में जितनी भी गुलामी की निशानियां हैं उन्हें हटाने के लिए जनता को हर स्तर पर आवाज उठानी चाहिए , क्योंकि सरकार अपनी मर्जी से सभी निशानियों को नहीं हटा सकती, जनता का सपोर्ट , जनता की मांग जरुरी है
३- तीसरा- अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व करना, - समृद्ध विरासत पर गर्व करने से पहले समृद्ध विरासत को समझना होगा , सही इतिहास को समझना होगा , और जो झूंठा इतिहास पढ़ाया गया है या पढ़ाया जा रहा है उसे मिटाना होगा
४- चौथा- आपसी एकता को और मजबूत करना- आपसी एकता से तात्पर्य कोई हिन्दू मुश्लिम एकता न समझे , अपितु राष्ट्रप्रेमियों को आपसी एकता बनानी चाइये , संगठित होना चाहिए और देशद्रोही , मानशिकता का बहिष्कार , विरोध और प्रतिकार करना चाहिए ---- समझ रहे हैं न..
५- अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करना।- नागरिक कर्तव्य का पालन अर्थात हमें सतर्क रहा चाहिए , और देश का जिम्मेदार नागरिक बनकर देश को स्वच्छ , स्वस्थ रखते हुए देश को आगे बढ़ाना चाहिए और जो देश को कमजोर करा चाहें, जो आतंक , जिहाद या वामपंथ का जहर , धामनातरण आदि के माध्यम से देश को बीमार बनाना चाहें उनका बहिष्कार , विरोध और प्रतिकार करना चाहिए , और सबसे जरुरी अपनी आत्मरक्षा के अधिकार या ये कहें कर्तव्य को समझना चाहिए ताकि देश के पुलिस प्रशासन पर ज्यादा बोझ न पड़े और वो देश के मुख्य कार्य में ध्यान दे सकें ...अगर हम अपनी सुरक्षा में सक्षम होंगे तो ाहर त्योंहार पर , हर रैली के समय प्रशासन को इतना ध्यान हमारा नहीं रखना पड़ेगा.
इन सारी बातों को समझते हुए जब हम , खासकर हिन्दू समाज जो सदैव देश का हित ही चाहता है , जो धर्मान्तरण , जिहाद आदि नहीं करता उसे मजबूती के साथ आगे बढ़ना होगा ..
ध्यान रहे हम ये नहीं कह रहे की यही प्रधानमंत्री जी के पांच प्रण का मतलब है , हम तो बस हमारी सोच से ये सब समझकर आपको बता रहे हैं .. बाकी आप क्या समझते हैं ये कमेंट में लिखकर बता सकते हैं