गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 31
आज का पंचांग
शनिवार, १५/०४/२०२३,
वैसाख कृष्ण, १०, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 08:45 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅दिनांक - 15 अप्रैल 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - श्रवण सुबह 07:36 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅योग - साध्य सुबह 06:33 तक तत्पश्चात शुभ
⛅राहु काल - सुबह 09:30 से 11:05 तक
⛅सूर्योदय - 06:20
⛅सूर्यास्त - 07:00
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:02 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 बरुथिनी एकादशी - 16 अप्रैल 2023
🔸एकादशी 15 अप्रैल रात्रि 08:45 से 16 अप्रैल शाम 06:14 तक
🔸व्रत उपवास 16 अप्रैल रविवार को रखा जायेगा ।
🍉 तरबूज से स्वास्थ्य लाभ 🍉
🍉 पका हुआ लाल गूदेवाला तरबूज स्वाद में मधुर, गुण में शीतल, पित्त एवं गर्मी का शमन करने वाला, पौष्टिकता एवं तृप्ति देने वाला, पेट साफ करने वाला ।
🍉 कच्चा तरबूज गुण में ठंडा, दस्त को रोकने वाला, वात व कफकारक, पचने में भारी एवं पित्तनाशक है ।
🍉 तरबूज के बीज शीतवीर्य, शरीर में स्निग्धता बढ़ानेवाले, पौष्टिक, मूत्रल, गर्मी का शमन करने वाले, कृमिनाशक, दिमागी शक्ति बढ़ाने वाले, दुर्बलता मिटाने वाले, गुर्दों की कमजोरी दूर करने वाले, गर्मी की खाँसी एवं ज्वर को मिटाने वाले क्षय एवं मूत्ररोगों को दूर करने वाले हैं । बीज के सेवन की मात्रा हररोज 10 से 20 ग्राम है। ज्यादा बीज खाने से तिल्ली की हानि होती है ।
🔶सावधानीः गर्म तासीरवालों के लिए तरबूज एक उत्तम फल है लेकिन वात व कफ प्रकृतिवालों के लिए हानिकारक है । अतः दमा , सर्दी-खाँसी, श्वास, मधुप्रमेह, कोढ़, रक्तविकार के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
◽ग्रीष्म ऋतु में दोपहर के भोजन के 2-3 घंटे बाद तरबूज खाना लाभदायक है । यदि तरबूज खाने के बाद कोई तकलीफ हो तो शहद अथवा गुलकंद का सेवन करें ।
🔸औषधि-प्रयोग🔸
🔸मंदाग्निः तरबूज के लाल गूदे पर काली मिर्च, जीरा एवं नमक का चूर्ण डालकर खाने से भूख खुलती है एवं पाचनशक्ति बढ़ती है ।
🔹शरीरपुष्टिः तरबूज के बीज के गर्भ का चूर्ण बना लें । गर्म दूध में मिश्री तथा 1 चम्मच यह चूर्ण डालकर उबाल लें । इसके प्रतिदिन सेवन से देह पुष्ट होती है ।
🔹"तरबूज के प्रतिदिन सेवन से देह तो पुष्ट होती है पर यह भी स्मरण रखें कि देह नश्वर है... आत्मा अमर है । देह को पुष्ट रखेंगे, पर आत्मप्रीति बढ़ायेंगे । 🌹-पूज्य बापूजी
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
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