उद्धव ठाकरे ने आरएसएस बीजेपी पर निशान साधते हुए गौमूत्र का अपमान किया, अब वो हिंदुत्व को भी कांग्रेस की भांति बांटते हुए अपने हिसाब से परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनका हिंदुत्व का अर्थ ‘राष्ट्रवाद’ से है जबकि भाजपा के हिंदुत्व का अर्थ ‘गौमूत्र’ से संबंधी है।
संगत का असर " भाजपा विरोध के चक्कर में हिंदुत्व का ही अपमान"?
यह उद्धव साहब वही हैं जिनके रहते पालघर में दो संतों की हत्या हो जाती है वह भी पुलिस के सामने और सारे आरोपी बाइज्जत बरी होते हैं साथ ही इनकी सरकार उस केस को सीबीआई के पास देने से भी मना कर देती है
यह वही उद्धव साहब है जिनके काल में हनुमान चालीसा पढ़ने की बात करने वालों को जेल में डाल दिया जाता है। कंगना राणावत कांड अर्नब गोस्वामी कांड और सुशांत सिन्हा का कांड भी इन्हीं के शासनकाल में हुआ।
अब इनकी हिंदुत्व वाली भाषा देखिए और आप खुद अंदाजा लगाइए की क्या यही है हिंदुत्व?
उद्धव ठाकरे ने अपने कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन की बात पर सफाई देते समय गौमूत्र का मजाक उड़ाया। वह बोले, “हर बार मुझपर आरोप लगाते हैं कि मैं कॉन्ग्रेस के साथ चला गया और हिंदुत्व को छोड़ दिया, क्या कॉन्ग्रेस में हिंदू नहीं हैं? उनका (आरएसएस-भाजपा) हिंदुत्व ‘गौमूत्रधारी हिंदुत्व’ है। उन्होंने संभाजीनगर में उस जगह पर गौमूत्र छिड़का, जहाँ हमने अपनी जनसभा की थी। उन लोगों को खुद भी थोड़ा गौमूत्र पीना चाहिए ताकि उन्हें थोड़ी अक्ल आए। हमारा हिंदुत्व राष्ट्रवाद के बारे में हैं।”
ऐसा पहली बार नहीं है कि उद्धव ठाकरे ने गौमूत्र का मजाक बनाया हो। 5 मार्च 2023 को दिए बयान में भी उन्होंने कहा था कि गौमूत्र छिड़कने से देश को आजादी नहीं मिली। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था, “क्या हमारे देश को गौमूत्र छिड़कने से आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ था कि गौमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? ऐसा नहीं था, स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया था। तब कहीं जाकर हमें आजादी मिली थी।”
राजनीति करें बीजेपी पर जितने हमले करने हैं करें मोदी जी के खिलाफ जितना बोलना है बोले लेकिन हिंदुत्व के नाम पर गौमूत्र के विरुद्ध बोलना , हिंदुत्व नहीं हो सकता...