गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 23
आज का पंचांग
शुक्रवार, ०७/०४/२०२३,
चैत्र कृष्ण, ०१, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा सुबह 10:20 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅दिनांक - 07 अप्रैल 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - चित्रा दोपहर 01:33 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅योग - हर्षण रात्रि 01:26 तक तत्पश्चात वज्र
⛅राहु काल - सुबह 11:08 से 12:42 तक
⛅सूर्योदय - 06:27
⛅सूर्यास्त - 06:57
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:41 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - विश्व स्वास्थ्य दिवस
⛅विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹गर्मियों में स्वास्थ्य-सुरक्षा हेतु🔹
✅ क्या करें ?
👉🏻 १] गर्मी के कारण जिनको सिरदर्द व कमजोरी होती है वे लोग सूखा धनियां पानी में भिगा दें और घिसके माथे पर लगायें । इससे सिरदर्द और कमजोरी दूर होगी ।
👉🏻 २] नाक से खून गिरता हो तो हरे धनिये अथवा ताजी कोमल दूब (दूर्वा) का २ – २ बूँद रस नाक में डालें । इससे नकसीर फूटना बंद हो जायेगा ।
👉🏻 ३] सत्तू में शीतल जल, मिश्री और थोडा घी मिलाकर घोल बनाके पियें । यह बड़ा पुष्टिा दायी प्रयोग है । भोजन थोडा कम करें ।
👉🏻 ४] भोजन के बीच में २५ – ३५ मि. ली. आँवले का रस पियें । ऐसा २१ दिन करें तो ह्रदय व मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होगी । ( शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन वर्जित है ।)
👉🏻 ५] २० मि. ली. आँवला रस, १० ग्राम शहद, ५ ग्राम घी – सबका मिश्रण करके पियें तो बल, बुद्धि, ओज व आयु बढ़ाने में मदद मिलती है ।
👉🏻 ६] मुँह में छाले पड गये हों तो त्रिफला चूर्ण को पानी में डाल के कुल्ले करें तथा मिश्री चूसें । इससे छाले शांत हो जायेंगे ।
❌ क्या न करें ?
👉🏻 १] अति परिश्रम, अति कसरत, अति रात्रि-जागरण, अति भोजन व भारी भोजन नहीं करें । भोजन में लाल मिर्च व गर्म मसालों का प्रयोग न करें ।
👉🏻 २] गर्मियों में दही भूल के भी नहीं खाना चाहिए । इससे आगे चल के नस-नाड़ियों में अवरोध उत्पन्न होता है और कई बीमारियाँ होती हैं । दही खाना हो तो सीधा नहीं खायें, पहले उसे मथ के मक्खन निकाल लें और बचे हुए भाग को लस्सी या छाछ बना के मिश्री मिला के या छौंक लगा के सेवन करें । ध्यान रहे, दही खट्टा न हो ।
👉🏻 ३] बाजारू शीतल पेयों से बचें । फ्रिज का पानी न पियें । धूप में से आकर तुरंत पानी न पियें ।
👉🏻 ४ ] अति मैथुन से बुढापा जल्दी आयेगा, कमजोरी जल्दी आयेगी । अत: इससे दूर रहें | ग्रीष्म ऋतू में विशेषरूप से संयम रखें ।
🔹बाल कटवाने का सही तरीका🔹
🔹शास्त्रों के ज्ञान को लोग भूलते जा रहे हैं अतः आज चिंता, दुःख, परेशानी, अवसाद आदि बढ़ते जा रहे हैं। पूज्य बापू जी ने शास्त्रों का दोहन कर कई जीवनोपयोगी विधियों के ज्ञान से समाज को लाभान्वित किया है । इनमें क्षौर कर्म भी आता है । पूज्य श्री कहते हैं- "हमारे शास्त्रों ने मुंडन कब करना चाहिए, बाल कब कटवाने चाहिए वह भी खोज लिया है ।
🔹रविवार को जो लोग मुंडन कराते हैं अथवा बाल कटवाते हैं, उनके धन, बुद्धि और धर्म की हानि होती है, ऐसा लिखा है । रविवार आदि के दिन बाल कटवा तो लेते हैं, परवाह नहीं करते हैं लेकिन बेचारों के जीवन में उन ग्रहों का कुप्रभाव तो देखने में आता ही है ।
🔹सोमवार को अगर क्षौर कर्म कराते हैं तो शिवभक्त की भक्ति की हानि होती है लेकिन शिवभक्त नहीं हैं तो सोमवार को मुंडन, बाल कटाने से कोई हानि नहीं है । पुत्रवान को भी इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।
🔹मंगलवार को आयुष्य क्षीण होता है ।
बुधवार को धन-लाभ होता है ।
🔹गुरुवार को करायें तो मान और लक्ष्मी अथवा धन-दौलत में बरकत क्षीण होने लगती है ।
🔹अगर शुक्रवार को क्षौर कर्म कराते हैं तो धन-लाभ व यश-लाभ बढ़ता है ।
🔹 और शनिवार को कराते हैं तो आयुष्य क्षीण होता है, अकाल मृत्यु अथवा दुर्घटना का भय रहेगा ।"
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