एक वेश्या की कहानी...कहानी पूरी पढ़े तभी समझ में आएगा.. और मजा भी आयेगा
डिस्क्लेमर : कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं, इनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं, और समानता पाई भी जाति है तो एक संयोग होगा। कहानी का उद्देस्य किसकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। कहानी का उद्देश्य केवल एंटरटेनमेंट हैं।
👉 आज से 45 साल पहले की बात है । एक वेश्या कब्रिस्थान में तीन कब्रों के पास बैठी रो रही थी तभी वहाँ से एक मौलाना गुजर रहा था तो उसने रोते हुए वेश्या को देखा तो पूछा क्यों रो रही हो...
👉 वेश्या - मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया । मेरी अम्मी, मेरा अब्बा, मेरा बेटा, मेरा शोहर, मेरा भाईजान, मेरी सास, मेरी सौतन और मेरा ससुर सब मर गए है ।
👉 मौलाना - पर ये तो तीन कब्र ही है बाकि सब की कब्र कहा है..
वेश्या - सब इन्ही तीनो कब्र में है जब में छोटी थी तब एक मौलवी मुझे मदरसे से उठा ले गया था बड़ी होने के बाद उसने मुझे वेश्या बना दिया सभी मौलवी मौलना रोज मेरा जिस्म नोचने आते थे और गाँव के दुसरे लोग भी रात को मदरसे में बुलवाते थे आज मुझे उठा के ले जाना वाला मौलना ने बताया की ये तोनो जो आज मरे है ये मेरे अब्बा, अम्मी और भाईजान थे अब इनके मरने के बाद मुझे पता चला की मेरे अब्बा मौलना थे जो मेरा जिस्म नोचने आते थे मेरा भाई जो एक मदरसा चलाता था वो रात में मुझे बुलवाता था.. ।
👉 इस हिसाब से एक जो मेरे अब्बा है वही मेरे शोहर भी है और ससुर भी है जो मेरा भाईजान है वो मेरा शोहर भी है और बेटा भी है जो मेरी अम्मी है वो सास भी है और सौतन भी है
👉 अब आप ही बताओ मौलना सब मर गए है अब मैं अम्मी बनने वाली हूँ तो मेरा जो बच्चा होगा उसका अब्बा कौन होगा ?
👉 मौलाना - उस बच्चे को कुछ मत बताना और उसका नाम हिन्दू धर्म के कोई नाम से रख देना... ।
कुछ दिन बाद उस वेश्या ने एक लड़के को जन्म दिया
जिसे आगे चलकर खुजलीवाल के नाम से जाना गया।
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