आप सबने एक मामला सुना ही होगा की खुशबू सुंदर जो भाजपा में हैं और हाल ही में महिला आयोग की सदस्य के रूप में चुनी गई है उन्होंने खुलासा किया कि 8 वर्ष की आयु में उनके "पिता ने उन्हें फिजिकली और सेक्सुअली एब्यूज किया था"
अब यहां ध्यान देने वाली बात ये हैं की वास्तव में वो हैवान पिता नहीं अपितु "अब्बू" था और ये बात कोई भी मीडिया नहीं बताता अपितु कैसे एक विशेष व्यक्ति के अपराध को छुपाकर हिंदू समाज के माथे मढ़ा जाय ये प्रयास करता है।
खुशबू का बचपन का नाम नखत खान , मां का नाम नजमा खान,
तीन भाइयों का नाम अब्दुल, अबू बकर और अली है।
अब बाप का नाम भले ही आपको कहीं देखने ना मिले लेकिन समझना इतना भी काठी नहीं की वो अब्बू है, लेकिन मीडिया हर जगह पिता ने किया शोषण के नाम से खबर फैला रही है ताकि खुशबू सुंदर के नाम से साथ हिन्दू पिता होगा ऐसी सोच लोगों ks बीच जाए और लोग हिंदुओं को बदनाम करें।
मीडिया का काम अब केवल हिंदुओं को अपमानित करना, बदनाम करना और कट्टरपंथियों का बचाव करना रह गया है। इसोइए हिंदू समाज को इस मीडिया पर भरोसा नहीं करना चाहिए और थोडासा सच की तह तक जाने का प्रयास करना चाहिए, बाकी प्रशासक समिति सच को आपतक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब जानते हैं खुसबू (विवाह के पहले नखत खान) ने क्या कहा
एक्ट्रेस से राजनेता बनीं खुशबू सुंदर ने अपने बचपन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. खुशबू सुंदर ने एक यूट्यूब चैनल को बताया कि उनके पिता ने उन्हें फिजिकली और सेक्सुअली एब्यूज किया था. खुशबू ने हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के तौर पर कार्यभार संभाला है. खुशबू कई फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने रजनीकांत और थलपति विजय के साथ काम किया है.
8 साल में शुरू हुआ था यौन शोषण-
29 सिंतबर 1970 को मुंबई में खुशबू सुंदर का जन्म हुआ था. खुशबू ने 8वीं तक पढ़ाई की है. एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने बताया कि जब वो 8 साल की थीं, तब उनके पिता ने ही उनका यौन शोषण किया था. उसके बाद से ये सिलसिला चलता रहा. उन्होंने बताया कि जब वो 15 साल की थीं, तब उनके खिलाफ बोलने का साहस था. खुशबू बताती हैं कि उनके पिता एक ऐसे आदमी थी, जो सोचते थे कि पत्नी को पीटना और इकलौती बेटी का शोषण करना उनका अधिकार है.
15 साल की उम्र में किया विरोध-
खुशबू बताती हैं कि एक वक्त ऐसा भी आया, जब उनको अपना स्टैंड लेना पड़ा. लेकिन डर के चलते काफी वक्त तक वो खामोश रहीं. उन्होंने बताया कि एक डर जो मेरे साथ रहा वो ये था कि मेरी मां मेरी बात का यकीन नहीं करेंगी, क्योंकि मैंने उन्हें उस तरह के माहौल में देखा है, जहां पति को देवता माना जाता था. लेकिन मैंने इसका विरोध किया. जिसका असर ये हुआ कि उसने मुझे और मेरी मां को छोड़ दिया.