बागेश्वरधाम सरकार मुंबई में 18 - 19 मार्च, कांग्रेस ने किया विरोध

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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwrdham Sarkar) जी 2 दिन मुंबई में दरबार लगाएंगे, हिंदू द्रोही कांग्रेस ने किया विरोध , बताया अंधविश्वास फैलाने वाले.. दूसरी तरफ बाबाजी की अनुपस्थिति में चंद्रशेखर रावण ने छतरपुर जाकर बाबाजी और उनके समर्थकों को दी चुनौती



मुंबई वासियों, हिंदू राष्ट्र की प्रखरता से आवाज उठाने वाले बागेश्वरधाम सरकार के पीठाधीश्वर "पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री " 18 और 19 मार्च 2023 को मीरा भयंदर, मुंबई में दिव्य दरबार लगाएंगे बड़ी संख्या में पहुंचे और विरोधियों को बोलती बंद करें

कार्यक्रम को अनुमति ना देने के लिए कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने एकनाथ शिंदे से अनुरोध किया है कि बागेश्वर धाम के अध्यक्ष धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मुंबई में कार्यक्रम करने की अनुमति न दें. शास्त्री का कार्यक्रम 18 और 19 मार्च को मुंबई में आयोजित किया गया जाना है. पत्र में पटोले ने लिखा हैं कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है. अंधविश्वास फैलाने वालों के लिए इस राज्य में कोई जगह नहीं है. 


ये वही कांग्रेस है जो राम जी को काल्पनिक कहती है, जो राम सेतु तोड़ना चाहती है, जिसने वक्फ बोर्ड बनाकर देश को बड़े खतरे में डाला हुवा है, जिसने ऐसे ऐसे कानून बनाए हुए हैं की हिंदू अपने ही मंदिर वापस नहीं ले सकते जिन्हें मुगलों ने तोड़कर उनपर मजहबी ठिकाने बना दिए थे, ये वही कांग्रेस है जिसके नेता राम मंदिर के विरुद्ध और बाबरी के पक्ष में कोर्ट में लड़े हैं। ये कांग्रेस अब हिंदुओं को बताएगी की क्या अंधविश्वास है और क्या नहीं।


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी पर लगाए आरोप

धीरेंद्र शास्त्री जी ने जगतगुरु संत तुकाराम महाराज का अपमान कर पूरे वारकरी संप्रदाय का अपमान किया है. लाखों श्रद्धालुओं की आस्था डगमगा चुकी है.संत तुकाराम का अपमान करने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को प्रदेश में होने देना अंधविश्वास को हवा देने के समान है. इसलिए धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

👆आपको बता दें की संत तुकाराम जी के अपमान की जहां तक बात है धीरेंद्र शास्त्री जी ने उसपर स्पष्टीकरण भी दिया था और बकायदा माफी भी मांगी थी। लेकिन कांग्रेस जो की सदा से ही हिंदू विरोधी रही है वो इन सब बातों को भुनाते हुए हिंदू समाज को अपने ही संतों के विरुद्ध करना चाहती है।


कांग्रेस ने अनेकों संतों को बदनाम किया, कांग्रेस काल में अनेकों संतों को हत्याएं भी हुई फिर आखिर कांग्रेस से हिंदू संतों के प्रति अच्छी बातें सोची भी कैसे जा सकती है। 


वैसे भी कांग्रेस की आली परेशानी पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी को हिंदू राष्ट्र भारत वाली प्रतिज्ञा है।


भक्तों को शास्त्री जी का बुलावा


वहीं छतरपुर में जाकर चंद्रशेखर रावण जो खुदको दलितों का मसीहा कहता है उसने पंडित धीरेंद्र शास्त्री जो को चुनौती दी है। देखना ये हैं की  2 टके का राजनेता करोड़ों के दिल में बैठे पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी पर भरी पड़ता है या पंडित जी के समर्थक इस चन्द्रशेखर रावण का घमंड तोड़ते हैं और उसे आइना दिखाते हैं।





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