गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 01 (अर्जुनविषादयोग) श्लोक 46
आज का पंचांग
मंगलवार, १४/०३/२०२३,
चैत्र, कृष्ण ७, युगाब्ध - ५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 08:22 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅दिनांक - 14 मार्च 2023
⛅दिन - मंगलवार
⛅शक संवत् - 1944
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - अनुराधा सुबह 08:13 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - वज्र दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - शाम 03:49 से 05:18 तक
⛅सूर्योदय - 06:50
⛅सूर्यास्त - 06:48
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:02 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:13 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - मारवाड़ी सप्तमी
⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹बुधवारी अष्टमी : 15 मार्च 2023
(पुण्यकाल : 15 मार्च सूर्योदय से शाम 06:45 तक ।)
🌹षडशीति संक्रांति : 15 मार्च 2023
(पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:49 तक)
🌹 व्यतिपात योग 🌹
🌹 व्यतिपात योग 15 मार्च दोपहर 12:53 से 16 मार्च सुबह 10:07 तक ।
🔹ग्रहबाधा दूर करने का उपाय🔹
👉🏻 शनि, राहू-केतु आदि ग्रहों के दोष-निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को अपने हाथ से आटे की लोई गुड़सहित प्रेमपूर्वक किसी नंदी अथवा गाय को खिलायें । कैसी भी ग्रहबाधा हो, दूर हो जायेगी ।
🔸तुतलापन मिटाने के लिए🔸
🔹२-३ बादाम के गिरी मिक्सी में अच्छी तरह घोट के और मक्खन व मिश्री मिलाकर बराबर चबा चबा कर खाएं l १ हफ्ते में तोतलेपन में आराम होता है l
🔹गृहके समीपस्थ वृक्ष (भाग -2)🔹
👉🏻 ईशान में आँवला शुभदायक है ।
👉🏻 ईशान - पूर्वमें कटहल एवं आम शुभदायक हैं ।
👉🏻 (३) घरके पास काँटेवाले, दूधवाले तथा फलवाले वृक्ष स्त्री और सन्तान की हानि करनेवाले हैं । यदि इन्हें काटा न जा सके तो इनके पास शुभ वृक्ष लगा दें ।
👉🏻 काँटेवाले वृक्ष शत्रु से भय देनेवाले, दूधवाले वृक्ष धनका नाश करनेवाले और फलवाले वृक्ष सन्तानका नाश करनेवाले हैं । इनकी लकड़ी भी घरमें नहीं लगानी चाहिये-
आसन्नाः कण्टकिनो रिपुभयदाः क्षीरिणोऽर्थनाशाय ।
फलिनः प्रजाक्षयकरा दारूण्यपि वर्जयेदेषाम् ॥
(बृहत्संहिता ५३। ८६)
(४) बदरी कदली चैव दाडिमी बीजपूरिका।
प्ररोहन्ति गृहे यत्र तद्गृहं न प्ररोहति ॥
👉🏻 (समरांगणसूत्रधार ३८ । १३१) 'बेर, केला, अनार तथा नींबू जिस घरमें उगते हैं, उस घर की वृद्धि नहीं होती । '
👉🏻 अश्वत्थं च कदम्बं च कदलीबीजपूरकम् । गृहे यस्य प्ररोहन्ति स गृही न प्ररोहति ॥
👉🏻 (बृहद्दैवज्ञ० ८७ ९) 'पीपल, कदम्ब, केला, बीजू नींबू ये जिस घरमें होते हैं, उसमें रहनेवाले की वंशवृद्धि नहीं होती ।'
👉🏻 (५) घरके भीतर लगायी हुई तुलसी मनुष्योंके लिये कल्याणकारिणी, धन-पुत्र प्रदान करनेवाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देनेवाली होती है । प्रातःकाल तुलसीका दर्शन करनेसे सुवर्ण दानका फल प्राप्त होता है ।