सहिष्णुता पाप है और उसका दंड लगातार हिंदू भोग रहा है और तब तक भोक्ता रहेगा जब तक इस पाप को छोड़ नहीं देगा
लगातार हिंदू धर्म, हिंदू रीति-रिवाजों, हिंदू देवी देवताओं, साधु संतों का अपमान किया जाता है उन्हें प्रताड़ित किया जाता है उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचे जाते हैं और किसी को किसी प्रकार की कोई सजा नहीं होती। और यदि हिंदू एकजुट होकर विरोध करते हैं था FIR भी कराते हैं तो भी अपराधी सुप्रीम कोर्ट जाकर पापमुक्त हो जाते हैं।
फिल्म निर्देशक लीना जिसने मां काली को सिगरेट पीते हुए और LGBT का झंडा लिए दिखाया उसपर देशभर में FIR करवाई हिंदुओं ने और सुप्रीम कोर्ट ने उस लीना की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
रामचरितमानस पर अशिक्षित शिक्षा मंत्री जो कहा वो सबने देखा लेकिन कार्यवाही नहीं बल्कि नीतीश कुमार ने शब्द वापसी का लॉलीपॉप थमा दिया
और अब कर्नाटक में लेखक ने उगला जहर,
कर्नाटक के लेखक और तथाकथित तर्कवादी केएस भगवान (KS Bhagwan) ने एक बार फिर भगवान राम के बारे में जहर उगला है। एक कार्यक्रम में उन्होंने भगवान राम के बारे में बोलते हुए कहा कि वह माँ सीता के साथ हर दोपहर बैठकर शराब पीते थे। उन्होंने साथ ही कहा कि वाल्मीकि रामायण में ऐसा कहा गया है। अपना बचाव करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ये सब वो नहीं कह रहे हैं बल्कि दस्तावेज कह रहे हैं।
यानी जो मन में आए बोल दो क्या फरक पड़ता है, हिंदू कर क्या लेंगे? FIR करेंगे तो सुप्रीम कोर्ट है ना..गिरफ्तारी पर रोक लग जाएगी।
ये हिंदुओं पर होता अन्याय उनकी सहिष्णुता का फल है। क्योंकि हिंदू सहिष्णु है और कानून तथा संविधान पर विश्वास रखते हैं उसके अनुशार चलते हैं इसलिए उन्हें कोई महत्व नहीं दिया जाता। वहीं एक विशेष समुदाय जो मजहब के आगे कानून और संविधान को ताक पर रखकर देश को आग के हवाले कर देता है, सड़के जाम कर देता है, सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकता है उसके सामने सारा सिस्टम झुका रहता है और अपना "तोउफा कुबूल" करवाता है।
इन बातों क्या संदेश समाज में जा रहा है? क्या प्रशासन ये चाहता है की हिंदुओं को सहिष्णुता नामक बिमारी से छुटकारा पाकर अपने धर्म की रक्षा के लिए संगठित होकर आगे आना चाहिए? उन्हें भी अन्य लोगों की तरह अपने धर्म की रक्षा के लिए अशिषणु हो जाना चाहिए?
खैर प्रशासन में बैठे कुछ धूर्त तो देश को बर्बाद करना चाहते हैं लेकिन हिंदू समाज अपने देश को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन हमरी अब एकजुट होकर अपनी शक्ति का परिचय तो देना होगा और बताना होगा कि अब हम हमारे धर्म, रीति-रिवाजों ,हमारी परंपराओं, हमारे शास्त्र और साधु संतों का अपमान कथा भी सहन नहीं कर पाएंगे। अब यह सब रोकना होगा ।
इसी विषय को सोशल मीडिया पर उठने हेतु रविवार 22 जनवरी 2023 को प्रातः 10 बजे से समिति द्वारा ट्रेंड चलाया जायेगा, सभी सनातनी अपना सहयोग करें और प्रशासन को कड़ी चेतावनी दें।
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