गौर से देखिए इस फोटो को, ये है डॉक्टर रमीज उद्दीन नायक, उर्फ रमीज मलिक। ये देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल यूनिवर्सिटी में से एक, KGMU यानी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करता है और रेजिडेंट डॉक्टर है।जितनी साफ-सुथरी इसकी फोटो दिख रही है, उतनी ही घिनौनी हरकत में इसके खिलाफ एफआईआर (FIR) हुई है। लेकिन अब ये फरार है और पुलिस इसकी तलाश कर रही है।
इसी के डिपार्टमेंट की एक हिंदू लड़की 17 दिसंबर को बहुत सारी नींद की गोलियां खा लेती है अपने हॉस्टल में। उसको जैसे-तैसे ट्रामा सेंटर ले जाकर उसका इलाज हुआ और जान बचाई गई। उसके बाद ये खुलासा हुआ कि इस लड़की का इस डॉक्टर रमीज से अफेयर था, जिसमें रमीज ने शादी करने का वादा करते हुए लड़की से दोस्ती की थी। लड़की सितंबर में प्रेग्नेंट भी हो गई थी, जिसके बाद इसको मेडिकल अबॉर्शन के लिए फोर्स करके इसका अबॉर्शन तक कराया गया।
जब इस लड़की ने रमीज को शादी के लिए बोला, तो उसने इसको इस्लाम में कन्वर्ट करने को कहा और बोला कि इसके बिना तो वो शादी ही नहीं करेगा। जबकि रमीज पहले से ही शादीशुदा भी था और ये बात उसने छिपाई थी। लड़की को जब रमीज की पहली पत्नी का पता लगा, तो उसने इस व्यक्ति से दूरी बनाने की कोशिश की।तब इस रमीज ने उसको पर्सनल फोटोज और वीडियोज का हवाला देते हुए ब्लैकमेल किया, कि अगर वो इसके कहने के अनुसार कन्वर्ट नहीं करेगी, तो वो वीडियोज और फोटोज को लीक कर देगा।
जब और जांच हुई तो पता लगा कि ये सिर्फ अकेला डॉक्टर ऐसा नहीं कर रहा था। पैथोलॉजी डिपार्टमेंट का हेड है वाहिद अली, जो ऐसे पता नहीं कितने केसेस करा चुका था, जिसमें से बहुत सी लड़कियां कन्वर्ट कर चुकी थी ऑलरेडी। रमीज तो सिर्फ एक मोहरा था। वहां के डॉक्टर्स के अनुसार, तीन से चार और लड़के ऐसे हैं जो वाहिद अली के कहने पर इस पूरे रैकेट को हॉस्पिटल में अंजाम दे रहे थे। ये पूरा कन्वर्जन रैकेट ये वाहिद अली ही चला रहा था।
ये एक फिक्स्ड पैटर्न है इनका—लड़की फंसाओ, उससे फिजिकल रिलेशन बनाओ, उसकी फोटोज और वीडियोज बनाओ चुपचाप, और फिर ब्लैकमेल करके उन्हें कन्वर्ट कराओ। ना जाने कितनी हिंदू लड़कियों को इन्होंने शिकार बनाया है। और इन्होंने लड़कियों की कास्ट नहीं देखी, सिर्फ ये देखा कि ये मुस्लिम नहीं, हिंदू है।
और इससे परेशान होकर इस लड़की ने बहुत सारी नींद की गोलियां खा ली थी बदनामी से बचने के लिए। लेकिन बावजूद इसके, वो शायद इसलिए जिंदा बच गई कि ऐसे हैवानों का पर्दाफाश हो सके। अगर ना बचती तो ये रैकेट कभी खुलता ही नहीं।
आप उस लड़की को दोषी मान सकते हैं, उसको गालियां दे सकते हैं, लेकिन यकीन मानिए इन सब चीजों के लिए हम लोग भी जिम्मेदार हैं। बिहार में जब एक डॉक्टर का नकाब खींचा जाता है, तो ये लोग उसको अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना देते हैं और हम इस तरीके की घटनाओं को 'लव जिज्हाद' भी नहीं बना पाते।
अपनी लड़कियों का साथ दीजिए। ऐसे लोग जहां भी पकड़े जाएं, उनकी पिटाई करिए, उनको उजागर करिए, उनको कानून के हवाले करिए, तभी शायद ये रुक पाएगा।

