यही तो हम बार-बार कहते आ रहे है, की पढ़ लिख लेने से हर कोई समझदार नहीं हो जाता। ज्यादा पढ़ लिख लेने से हर कोई ज्यादा समझदार नहीं हो जाता। जिसमें समझ की कमी है, वह भटक ही जाता है चाहे कितना भी पढ़ा लिखा हो। ऐसे भटके हुए लोगों की तुलना में अनपढ़ इंसान भी, अगर समझदार है, तो वह सही मायने में सम्माननीय व्यक्ति है, देशभक्त है, राष्ट्रवादी है।
और यह बात इस देश के भटके हुए सेकुलर हिंदुओं पर भी लागू होता है। जिनके दिमाग में मजहबी ठिकानों से बचपन से ही जहाज और आतंकवाद भर दिया जाता है वह पढ़ लिख कर भी आतंकवादी ही बनेंगे। कुछ धूर्त लोग यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है इसलिए इस प्रकार के डॉक्टर आदि आतंकवादी बन रहे हैं ऐसा कहने वाले वास्तव में आतंकियों के समर्थक हैं

