अयोध्या अब कोई छोटा सा स्थान नहीं अपितु विश्व की धार्मिक राजधानी है..। यदि कोई इस धर्म ध्वज रोहण को कोई साधारण गतिविधि समझ रहा है वो मूर्ख है, क्योंकि ये एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट है और इस टर्निंग प्वाइंट को आप तभी समझ पाएंगे जब इस अवसर पर कुछ ताकतवर हस्तियों द्वारा कही बातों को सुनने और समझने का प्रयास करो ... जैसे मोदी जी ने कहां👇👇
ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का ध्वज है
November 25, 2025
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विवाह पंचमी "मार्गशीर्ष शुक्ल ०५" (25 नवंबर 2025) वो दिन जब कहने को अयोध्या के प्रभु श्री राम के मंदिर पर धर्म ध्वज। लहराया गया है लेकिन वास्तव में ये भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का ध्वज है। ये धर्मध्वजा जो फहराई है ये राम मंदिर के इस 500वर्ष लंबे हवन में एक प्रकार से पूर्णाहुति है..


