क्या इसी मूर्खता के लिए सरकार अनुदान देकर मदरसों को आगे बढ़ाती है? देखिए ये मदरसों की स्थिति है जहां पढ़ाने वाले दाढ़ी वालों को ही नहीं पता कि वो पढ़ा क्या रहे हैं
इसके अलावा जो जहर मजहबी ठिकानों में लोगों के दिमाग में भरा जाता है उससे तो अब सभी अवगत हैं ही

