भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के विषय में कोई साधारण व्यक्ति सोच भी नहीं सकता क्योंकि वह समझता है इसके परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं लेकिन आप सोचिए कि एक वकील जो कानून को बहुत अच्छे से समझता है उसने यह कृत्य करने का प्रयास किया। आखिर क्या उस वकील की मानसिक स्थिति होगी जिसने यह प्रयास किया! सुनिए जब उनसे पूछा गया इसका कारण तो उन्होंने क्या बताया..
विचार कीजिए जब एक वकील वह भी एक एक्सपीरियंस्ड उम्रदराज वकील सुप्रीम कोर्ट के अन्याय से इतना दुखी हुआ कि उसने CJI पर जूता फेंकने का मन बनाया... तो ऐसे सुप्रीम कोर्ट से देश का आम जनमानस कैसे न्याय की आशा कर सकता है.. इन्होंने साफ साफ शब्दों में सुप्रीम कोर्ट के अन्याय को दुनिया के सामने रखा है... भले ही इन्होंने जो किया वो कानून को नजर में गलत है लेकिन ये गलती हमारे कानून और न्यायव्यवस्था की कमी के कारण ही हुई है... असली दोषी तो गंवई ही हुए जिन्होंने करोड़ों हिंदुओं की भावना को आहत किया.