जिस देश में अपराधियों के मन में कानून का भय ना हो वहां अपराध कम कैसे हो सकते हैं? भारत में स्थिति यह है कि दुष्कर्म के अपराधियों में पांच में से चार बरी हो जाते हैं यानी पांच में से मात्र एक को ही सजा हो पाती है अब ऐसे में दुष्कर्म करने से डर किसे लगेगा? कानून की इस कमी पर आखिर विचार करें कौन जो कुर्सियों पर बैठे हैं वह तो पावर के नशे में धोते हैं जैसे गवा साहब ने हाल ही में भगवान विष्णु को ही कुछ करने के लिए खाने को कहा था...
केवल नेता ही भ्रष्टाचारी होते हैं ऐसा नहीं है कानून व्यवस्था में भी ऊपर से नीचे तक न जाने कितने लोग भ्रष्टाचारी होते हैं यह बताया नहीं जा सकता हाल ही में एक जज के घरों से नोटों के बंडल मिले थे यह खबर तो आप सब जानते ही होंगे क्या वह नोटों के बंडल बिना भ्रष्टाचार के ही आ गए थे पता नहीं कितने बेगुनाहों के साथ अन्याय हुआ होगा और कितने गुनहगार छुटे होंगे।।