भारत के CJI गवाई ने हाल ही में किस प्रकार भगवान विष्णु के भक्त की भावनाओं का अपमान किया जब वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका लेकर गया था। दवाई की हरकत के बाद पूरे देश में इसका विरोध हुआ और अब द्वारिका पीठ के शंकराचार्य जी ने भी गवई के इस आचरण का विरोध करते हो पत्र लिखा।
एक सवाल जो सभी हिंदू गवाई से पूछ रहे हैं वही सवाल शंकराचार्य जी ने भी दोहराया है कि ऐसा ही निर्णय अन्य धर्मावलंबियों को उनके पूजा स्थलों के संबंध में दे सकते हैं!? इस सवाल का जवाब गवाई को देना चाहिए, और जनता को भी यह सवाल तब तक सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहिए जब तक उन्हें जवाब ना मिल जाए। सुप्रीम कोर्ट के जज अपने आप को सर्वेसर्वा समझने की गलती कर रहे हैं उनका अहंकार तोड़ना जरूरी है।