धन्यवाद मोदीजी... दुनिया भर मे सरकारे टैक्स बढ़ा रही है हम अकेले है जो कम कर रहे है।ट्म्प चाचा को भी कोटि कोटि धन्यवाद जो वीजा पर पाबंदी लगा दी, पाबंदी इसलिए क्योंकि एक लाख डॉलर का वीजा बहुत होता है। भारत मे सरकारों की टैलेंट रोकते रोकते जान निकल गयी मगर ट्रम्प चाचा ने ये काम फ्री मे कर दिया।
डोनाल्ड ट्रम्प ने जितने निर्णय लिये है ये सब आज भले ही गलत रहे हो मगर हमारे पास ये तीन साल है जिनमे हमें अवसर का फायदा उठाना है।
यदि खतरा नहीं आता तो हम ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील नहीं करते, चीन से संबंधो का नवीनीकरण नहीं होता, यूरोपीय यूनियन भी अब डील के लिये लगातार अपने राजनायिक दिल्ली भेज रहा है।
ये H1B वीजा पर जो एक लाख डॉलर की फीस लगाई है ये तो स्वर्णिम अवसर है, हमारा टेलेंट यही रोका जा सकता है बशर्ते अब हम अपने इको सिस्टम को सुधार ले। थोड़ा सिविक सेन्स विकसित करें और अपने शहरों को स्वच्छ रखे।
बिल गेट्स ने कहा था कि भारत के लोग यदि यहाँ नहीं आ सके तो एक माइक्रोसॉफ्ट भारत मे ही बन जाएगा। बिल गेट्स की वाणी सही करने का यही समय है, यदि ट्रम्प चाचा ने कुछ समय बाद पलटी मारी या फिर 2029 मे सरकार बदल गयी तो ये मौका चला जाएगा।
देशो को कर्जे मे डालकर सरकारे गिराई जा रही है, नेपाल बांग्लादेश तो बहुत छोटे नाम है। जापान मे तीन प्रधानमंत्री बदल चुके है बाहरी कारण कुछ भी हो वास्तविकता यह है कि जापान कर्ज मे दब गया है और उसे चुकाने का तरीका है कि टैक्स बढ़ाये।
टैक्स बढ़ाओगे तो जन आक्रोश पनपेगा, फिलहाल भारत अकेला देश है जिसने टैक्स कम किये है। फ्रांस मे भी जन आंदोलन का कारण यही है कि टैक्स को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी। जर्मनी अब भी इस खतरे से सुलग रहा है।
यदि पिछले चार महीनों मे टेरीफ को हटा दे तो भारत को रफ़्तार बढ़ाने वाला धक्का मिला है। हमारी कई पुरानी समस्याये सुलझ रही है, पहली बार यूरोप अमेरिका के साथ नहीं है और भारत की ओर अग्रसर है।
जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिकी छाते के हटने के डर से पहली बार भारत के साथ उचित सहयोग कर रहे है, ऑस्ट्रेलिया मे आवाज़ उठ रही है कि इतनी दूर बैठे अमेरिका का पिछलग्गू बनने से अच्छा एशिया से सहयोग बढ़ाये।
एक पूर्ण वर्ल्ड ऑर्डर बदल रहा है और ये सब हमारे हित मे है बशर्ते हम जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा मौको का फायदा उठाये इससे पहले कि अमेरिका अपने कदम पीछे खींच ले।