जिला न्यायालय से फांसी की सजा, हाई कोर्ट ने भी पुष्टि कर फांसी पर मुहर लगाई... परन्तु नाम अख्तर अली देखकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्दोश बताकर छोडने का आदेश दिया....इसी SC ने आज से 21 वर्ष पहले 14 वर्षीया लडकी हेतल पारिख के साथ बलात्कार कर हत्या के मामले मे धनंजय चटर्जी को फांसी के तखते पर झूला दिया था।
वर्मा जैसे मिलार्ड के घर जले बोरे यूं ही नहीं मिले थे बस कुछ पकड़े जाते है और कुछ नहीं। वैसे भी वर्मा जैसे जज पर तो अब तक सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम कोई फैसला नहीं लिया है। जो करे सरकार करे हम भ्रष्टाचारी को बचाएंगे। यही कारण है कि कभी कभी जनता ऐसे अन्याय से तंग आकर नेपाल की तरह उबाल पड़ती है...सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए.।। न्याय तंत्र सड़ चुका है इसकी दवा जरूरी है।