स्कूल कहां का है नहीं पता पर (शायद पूणे का है) लेकिन ये देखने से बच्चों में एक डर का माहौल ज़रूर बन गया, अब ये बच्चे मोबाइल को जल्दी हाथ नहीं लगाएंगे। Good job❤️अगर ये छोटी सी स्टोरी हर स्कूलों में बच्चों को दिखाया जाए तो बच्चे पूरा दिन मोबाइल चलाना छोड़ देंगे.
समाज की महिला संगठनों से आग्रह है कि समाज की इस गम्भीर समस्या को अपने एजेंडा में शामिल करें और एक बड़ा जनजागरण अभियान चलावे। मोबाइल बच्चों के जीवन का सबसे बड़ा खतरा बन चुका है यदि अभिभावकों ने बच्चों को इससे नहीं बचाया तो आप बच्चों के सबसे बड़े शत्रु बन जाएंगे