तंत्रविद्या के रूप में हमारे पास एक अत्यंत समृद्ध थैरेपी थी जिसे वामपंथी और आधुनिक विज्ञान के प्रचार में आज हमने अंधविश्वास मानकर त्याग दिया।
2 मिनट समय निकालकर Thread अंत तक अवश्य पढ़े।🧵👇
🔏 लेखक : पंकज सनातनी
आज हर दसवीं लड़की लव-जिहादियों के निशाने पर है, दस में से तीन वो उड़ा ले जाते हैं इस में उनके तन्त्र, टोने टोटके की बहुत बड़ी भूमिका रहती है। लेकिन एक बात बता दूँ कोई माने या न माने तन्त्र की काट भी तन्त्र ही होती है, लेकिन दुर्भाग्य से उसे अंधविश्वास मानकर नकार दिया गया। इसलिए आज लगभग लुप्तप्राय है और जो ये सब कुछ तंत्र जानते है वो बेचारे मुँह छिपाए बैठे हैं क्योकि अंधविश्वास और कुरीतियों के नाम पर बधियाकरण भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
वामपंथी परिवार संस्था को नहीं मानते और नर-मादा के मुक्त यौन व्यवहार को स्वाभाविक मान, भारतीयों द्वारा परिवार के सम्बंध में प्रतिबद्धता व्यक्त करने को अंधविश्वास मानते हैं। उनका प्रश्न होता है "क्या फर्क पड़ता है यदि कोई कामाविष्ट होकर भाग गई तो किसी न किसी से तो सम्बन्ध होना ही है ये सब नेचुरल है इस पर प्रश्न उठाना अंधविश्वास है…?
फर्क पड़ता है! असमय ही तिरपाल में लिपट कर जीना होता है, शत्रु को ढ़ेर सारे बच्चे पैदा करने होते हैं, अड़ोसी-पड़ोसी की भी प्यास बुझानी होती है, घरेलू नौकरानी और रखैल जैसा जीवन जीते-जीते वैश्यावृत्ति में धकेल दी जाती हैं या अरब देशों में बेच दी जाती हैं। और कई बार तो अंग निकाल कर बेच भी दिए जाते हैं ये सब लड़कियां तंत्रविद्या द्वारा फँसाई जाती हैं। हार्मोन के आवेश में हिप्नोटिज्म का तड़का, अवचेतन में सीरियल-सिनेमा की फंतासी, ऊपर से मौलवियों द्वारा दिये गए धागे के आत्मविश्वास से भरे थुकल, तुम्हारी आधुनिकता और प्रगतिशीलता के झीने पर्दे को बड़ी आसानी से फाड़ देते हैं और परिवार सम्बन्धी विश्वास चाहे वह अंधविश्वास ही हो, लेकिन इस दुर्गति से बचा लेता है।
⚧️ तर्क दिया जाता है कि कोई एकाध तांत्रिक सही होगा, बाकी सब तो उसकी आड़ में धंधा और शोषण करते हैं…?
- अच्छा तो सुनो अब आते हैं चिकित्सा विज्ञान पर, अंधविश्वास पर इनकी स्वयं की दुकानें नहीं टिकी हैं क्या…?
एक कोई डॉक्टर सही होता है उसकी आड़ में हजारों दूसरे डॉक्टर धंधा कर रहे हैं, एक कोई हॉस्पिटल सही होगा उसके बिहाव पर सैकड़ों फर्जी हॉस्पिटल चल रहे हैं, एक कोई दवाई परफेक्ट इलाज करती होगी उसके सहारे करोड़ों की दूसरी औषधियाँ बेची जा रही है, अच्छे शोध और समयोचित दवाइयों की मांग पूर्ति की संभावना भी इसी फर्जी इंडस्ट्री से ही है, इनकी पहुंच है क्योंकि धन है और सबसे बड़ी बात इनके प्रति अंधविश्वास है। मेडिकल इंडस्ट्री बढ़ती ही जाएगी क्योंकि उनको ग्राहक मिलते जा रहे हैं, अब यदि एक अच्छे तांत्रिक के साथ दस फर्जी भी प्रेक्टिस कर रहे हैं तो भी लव-जिहाद का समाधान वहीं है भले ही अंधविश्वास करना पड़े। किंतु इसके अलावा लव-जिहाद को रोकने का आज और कोई उपाय नहीं है।
जिन्हें आप संस्कार, शिक्षा, संस्कृति, धर्म, देवी-देवता वगैरह कहते हैं, कहीं न कहीं वे सभी अंधविश्वास के दायरे में ही हैं। आप जो स्वयं के सुरक्षित होने का भ्रम पाले हुए हैं उसका आधार क्या है संविधान, कानून, पुलिस प्रशासन या सरकार ये सब क्या है एक विश्वास ही तो है। तो यदि तन्त्र की शरण लेकर परिवार बचाने भी पड़ते हैं तो मैं समझता हूँ ये कोई मंहगा सौदा नहीं है।
मित्रों मुझे इसी फील्ड का लगभग 10 साल से ज्यादा का अनुभव है जिसमें मैंने तंत्र से होने वाले हर खेल को देखा है। तंत्र से बहुत कुछ नहीं तो एक हद तक संभव है, और थूकल(जिहादी) इसका भरपूर फायदा उठाते हैं। ये बात मैंने लव-जिहाद के हर केस पर सोशल मीडिया में जो मैंने पढ़ा उस पर कहा भी है। लेकिन हमारे कुछ अभिजात्य वर्ग के लोग उसे मजाक समझकर वैज्ञानिक बन जाते हैं और उनमें लड़कियों की गलतियां निकाल देते हैं, लेकिन अंदर के खेल को नहीं समझते।
आज 90% हिंदुओं के परिवार भूत, प्रेत, पित्र और पूर्वज आदि समस्याओं से ग्रस्त है। भाई-भाई के दुश्मन हैं लेकिन सभी को पश्चिम संस्कृति को फॉलो करना है। अपनी पुरानी संस्कृति को सुधारना नहीं चाहते, कोई भी तांत्रिक हिंदुओं में सभी ठीक है लेकिन हर किसी का एक लेवल है और वह उस लेवल तक का ही इलाज कर सकता है। अगर समस्या आपकी ज्यादा है तो फिर आप उससे ऊपर वाले से मिलो यही समाधान है। तंत्र में तांत्रिकों को दोष देने से ही आपकी समस्या हल नहीं होने वाली।
विष्णु भगवान के वराह अवतार का दांत क्या कर सकता है आज मैं आपको बताता हूँ।
सूअर का दांत, बाल, खाल बहुत उपयोगी है लेकिन आर्टिकल के माध्यम से बताना चाहूंगा कि थुकल(जिहादी) इससे दूर रहते हैं। खैर एक बिटिया का लव-जिहादी से पिंड छुड़वाने के लिए मुझे भी इसकी जरूरत पड़ गयी थी।
दरअसल 2-3 साल पहले की बात है तो एक मित्र से संपर्क किया गया जो वाल्मिकी समाज से है कि वो मुझे वराह (सूअर) का दांत उपलब्ध करवाए। उसने पूछा भी कि क्या बात है पंकज जी आज अचानक ऐसी डिमांड…? इधर-उधर की 2-4 बातें हुई और फिर उसने अगले दिन आने को कहा!
अगले दिन मैं तय समय पर पहुंचा और उसने दांत उपलब्ध करवा दिया। उसके बाद मैंने स्वयं उसकी काट-छांट कर पहुंचा जौहरी के पास चांदी में मढ़वाने के लिए। एक जानकार था मगर फिर भी उसने इन्कार कर दिया, कारण पूछा तो उसके बताने से पहले ही उसी समय आया एक ग्राहक बोला कि जैसे हम गाय की हड्डी को नहीं छुते ऐसे ही थुकल(जिहादी) भी सूअर के दांत को कभी हाथ नहीं लगाते।
मैंने दूकान वाले से पूछा कि भाई आप ने थूकना कब से शुरू कर दिया, हमें सेवइयों की दावत भी नहीं दी। अब उस ग्राहक का चेहरा देखने लायक था। बोला मैंने ऐसा नहीं कहा। मैंने कहा तो भैया आपके कहने का मतलब तो यही हुआ ना और थुकले कब से भाई हो गए। आप ने किसी थुकले से पूछा कि वो आपको अपना भाई मानता है कि नहीं। तो बोला नहीं पूछा, फिर मैंने कहा कि मजा+हब का अध्ययन करो आपको सब खेल समझ आयेगा कि कैसा भाई समझते हैं। फिर मैंने उसको कुरान सूरा 9, आयत संख्या 5 चिपकाई और थोड़ा बताया। समझ आया कि नहीं ये तो नहीं पता लेकिन बंदा था काफी इच्छुक। मैंने उसका फोन नम्बर लिया और दूसरी दूकान पर गया, बात बनी।
अगले दिन शाम को चांदी में जड़ित वराह देव का आशीर्वाद लेकर काले धागे में पिरोकर मंदिर में पूजा करने के बाद उस बिटिया को देने के लिए घर से निकला ही था अब रास्ते में एक घटना और हुई। हुआ ये कि एक और मित्र है जिसकी वेल्डिंग की दूकान है, थोड़ा काम था उससे लेकिन उसके पास एक थुकला(जिहादी) भी खड़ा था, सोचा आजमा लेता हूँ वराह देव के आशीर्वाद को। मैंने जेब से निकाला और मित्र को दिया और पूछा ये क्या है जरा बताना तो…? मित्र ने उलट-पलट के देखा तो बोला दांत है लेकिन किस जानवर का है ये नहीं पता। मैंने कहा ये मियाँ जी बताएँगे। मिया जी ने सुना तो मिया जी की घिग्गी बंध गई बोला आपको पता तो है कि किस जानवर का है…?
मैंने कहा कि हाथ में लेकर बताओ, देखो-देखो आराम से देखो! यकीन मानिए थुकल(जिहादी) ने छुआ तक नहीं, और दूर भागने लगा जैसे मैं उसके पीछे गर्म चिमटा लेकर लगा हूँ। अपनी फटफटी स्टार्ट करके भग लिया, अब उसने क्यों नहीं छुआ, कारण आपको समझ आ गया होगा।
अब आता हूँ जिसके लिए पोस्ट डाली गई है तो हिन्दू अगर अपनी बेटियों के गले में ये पहनाये और उसे इसकी महत्ता के बारे में बताये तो लव-जिहाद को रोका जा सकता है। कैसे अब कोई मुल्ला थूकल्ला उसके नजदीक आकर कहेगा कि इसको उतार दो तो वो ये पूछे कि क्यों इससे क्या प्रॉब्लम है (बशर्ते लड़की जानती/समझती हो बताया गया होगा उसको तो। जो कि आपका काम है किसी और का नहीं)आजमा कर देखिये।
@lovezihadd
✍️ साभार
शेयर… शेयर… शेयर…