मिलिये अनिरुद्ध आचार्य जी से ❤️⬇️
- रोज़ाना एक लाख लोगो को भंडारा
- 1000 वृद्ध महिलाओं को फ्री सेवा
- 1000 बच्चों को फ्री गुरुकुल
- 500 धार्मिक गुरुओं की रोज़ फ्री सेवा
- 500 से अधिक सहयोगी को रोज़गार
- कोई निजी बैंक अकाउंट नहीं
- हर साल 100 कन्याओं का फ्री विवाह
मुफ्तखोर इनका कितना भी मज़ाक़ उड़ा ले, क्या इनके पैरो की धूल बराबर भी है ?
वैसे सही ही कहा अखिलेश ने की हमारा रास्ता अलग है... अब इफ्तारी उड़ाने वालों, कर सेवकों को गोलियों से भूनने वालों, जातिवाद को गंदी राजनीति करने वालों के राष्ट्र सेवाभावी संतों के जैसे हो भी कैसे सकते हैं। UP की जनता वैसे तो समझती ही है बाकी और समझते हुए इन्हें भी समझा देगी कि मन में नफरत पालने वाले एक आध बार गलती से CM बन सकते हैं उसके बाद तो हो हल्ला की करना है।