हिंदुओं को यदि अब भी कोई गलत फहमी का की सब एक जैसे नहीं होते तो इस गलतफहमी के साथ जीते रहें और बस जीते रहें बाकी जो होगा या जो परिणाम देखने मिलेगा वो तो समय ही बताएगा। जिनके लिए काफिरों का धर्मांतरण अल्लाह का हुकुम हो क्या उन्हें कोई समझा सकता है? ये बातें इन्हें बचपन से घोट घोट कर पिलाई जाती है तभी तो अवसर मिलते ही अपने एजेंडे को क्रियान्वित कर देती है ये मानसिकता और सेक्युलरिज्म के नशे में डूबा हिंदू कब बर्बाद हो जाता है उसे पर ही नहीं चलता... वीडियो जरूर देखें और शेयर करें
कट्टरपंथी जेहादियों को दोष देना उन्हें गाली देना उन्हें गलत ठहरना यह कहां तक उचित है... वह तो वही कर रहे हैं जो उन्हें करना है जो उन्हें बचपन से सिखाया जाता है जो उनकी किताबें उन्हें कहती हैं। दोस्तों हिंदुओं का है जो अपने धर्म को समझते ही नहीं अपनी किताबें उठाकर पढ़ते ही नहीं और अपने शत्रुओं को पहचानने का प्रयास करते ही नहीं इसीलिए इसी दोष के कारण उन्हें सजा मिलती है और वह इनके शिकार होकर बर्बाद होते हैं.......