इस समाचार को पढ़कर अधिकतर लोग इस इस्लामिक जेहादी को गाली देंगें, उसे दंड मिलना चाहिए ये कहेगें, पर मैं पूछता हूँ कि इन 18 लड़कियों के माँ - बाप दोषी क्यों नहीं जिन्होंने बचपन से ही मानव और दानव में भेद करना बेटियों को नहीं सिखाया ? क्यों नहीं इस्लामिक जेहाद के बारे में, लव जेहाद के बारे में बताया ?
आधुनिक होने के चक्कर में क्यों इतनी खुली छूट दी बेटियों को की वो किसी भी लड़के के साथ घूमे और उन्हें न जानकारी हो न वो जानने की कोशिश करें ? और अंत में ये हिन्दू लड़कियाँ पढ़ लिख कर भी इतनी मूर्ख क्यों हैं ? कैसे इन जेहादी सुवरों के जाल में फँसती है क्योंकि इनका खुद का चरित्र मजबूत नहीं, और यही सच है, इस्लामिक जेहादी मजबूत नहीं हमारे समाज का चारित्रिक पतन अधिक है ।