अनुराधा पौडवाल अत्यंत ही सम्माननीय है और आज उन्होंने कांवड़ के दौरान होते अश्लील नाच गानों पर आपत्ति जताई और ये उचित भी है... आखिर कांवड़ का ऐसा रूप कैसे स्वीकार किया जाय लेकिन प्रश्न ये भी उठता है को सेलिब्रिटी केवल एक तरफ को गंदगी देखे और चिल्लाएं ये कहां तक उचित है? क्या अनुराधा जी में कभी किसी अन्य मजहब में होते खून खराबे पर जान दिया है?
माना कावड़ के दौरान कुछ जगहों पर कुछ अप्रिय घटनाएं होती हैं लेकिन उन कुछ प्रतिशत घटनाओं की आड़ में पूरी कावड़ यात्रा को बदनाम करना अथवा सभी कांवड़ियों को गलत सिद्ध करने का प्रयास करना कहां तकउचित है? ऐसे अनगिनत कावड़िया है जो शांति से अपना काम करते हैं महादेव को जल चढ़ाते हैं और अपने घर लौट आते हैं लेकिन खबरें केवल उनकी ही दिखाई जाती है जो गलती से या किसी कारणवश कुछ गलत कर जाते हैं... यह एक षड्यंत्र है जिसके तहत कावड़ यात्रा को और कांवड़ियों को बदनाम करने का प्रयास किया जाता हैजो गलत है वो गलत है लेकिन गलती केवल एक तरफ क्यों देखी जाती है..?
July 25, 2025
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