जिस समाज को अपने वास्तविक शत्रु का बोध समय रहते हो जाता है वो समाज सुरक्षित एवं जीवंत रहता है। शत्रुबोध का अभाव अत्यंत ही घातक होता है क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने शत्रु को नहीं पहचान पाता और शत्रु उसकी इस अज्ञात का लाभ उठाकर किसी भी प्रकार से उसे बर्बाद कर देता है। 👇वीडियो से पता चलता है कि हिंदू समाज को कुछ कुछ शत्रु बोध तो होने लगा आग... कांवड़ियों ने जो किया
क्या पता कौन सेवा के नाम पर अपना क्या एजेंडा चला रहा है.. पानी, जूस, भोजन आदि में एक मानसिकता द्वारा किस प्रकार थूंक, मूत आदि मिलाते हुए देखा गया है। हाल ही में कांवड़ मार्ग पर भी कई बहुरूपियों की जानकारी पता चली थी...इसलिए जरूरी है कि हिंदुओं में शत्रुबोध हो...जागें जगायें अपना राष्ट्र,धर्म बचायें🙏🏻🚩