सोशल मीडिया पर हमलोग अक्सर पढ़ते रहते रहते हैं कि भारत बीफ (गौमांस) निर्यातक देश की सूची में दूसरे नंबर पर है , तीसरे नंबर पर है आदि आदि.
जिसे सुनकर बहुत सारे हिन्दूवादी लोग निराश हो जाते हैं और कुछेक उत्तेजित हो जाते हैं कि केंद्र में एक हिंदूवादी सरकार के होते हुए भी आखिर ऐसा कैसे हो रहा है ?
लेकिन, दुखद तौर पर हम कभी भी इस खबर की सच्चाई जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि आखिर सच्चाई है क्या ?
बल्कि, हम बिना कुछ जाने समझे ही ऐसे भ्रामक पोस्ट पर अपनी उग्र प्रतिक्रिया देने लगते हैं.
जबकि, सच्चाई ये है कि भारत में गाय के मांस (गौमांस) के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध है और मोदी सरकार आने के बाद से भारत गाय के मांस का निर्यात नहीं करता है.
भारत सरकार की मौजूदा मांस निर्यात नीति के अनुसार गौ वंश अर्थात गाय, बैल और बछड़े के मांस का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित है..
यह प्रतिबंध सांस्कृतिक और धार्मिक कारणों से लागू है...
क्योंकि, गाय को भारत में पूजनीय माना जाता है.
हालांकि, भारत भैंस के मांस (बफ़ेलो मीट) का निर्यात करता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अक्सर "बीफ" के रूप में वर्गीकृत किया जाता है.
इसके अलावा भारत भेड़ और मुर्गे आदि के मांस का भी निर्यात करता है.
2023 और 2024 के आंकड़ों के अनुसार... भारत लगभग 1.57-1.65 मिलियन मीट्रिक टन भैंस का मांस निर्यात करता है जो इसे वैश्विक स्तर पर प्रमुख मांस निर्यातकों में से एक बनाता है.
यह निर्यात मुख्य रूप से मध्य पूर्व, उत्तर अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों में होता है.
इसीलिए, कुछ स्रोतों में ऐसे दावे पूर्णतया भ्रामक हैं कि भारत गौमांस निर्यात करता है.
या फिर, यह भैंस के मांस को गाय के मांस के साथ मिलाने (दोनों को ही अंतराष्ट्रीय बाजार में बीफ कहा जाता है) के कारण हो सकता है.
क्योंकि , सरकार और आधिकारिक स्रोत स्पष्ट करते हैं कि भारत में गौमांस निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध है.
इसलिए, उपरोक्त जानकारी की स्पष्टता ये है कि भारत के मांस का निर्यातक नहीं है...
बल्कि, भैंस के मांस का एक प्रमुख निर्यातक है.
और, ये समझना कतई भी मुश्किल नहीं है कि गौ मांस निर्यात के संबंध में ऐसी भ्रामक जानकारी कौन और क्यों फैला कर हिन्दू जनमानस को उद्देलित करने का प्रयास कर रहा होगा...!
तथा, इसके पीछे छुपी उनकी मंशा को समझना भी कतई मुश्किल नहीं है.