"रखैल" यह शब्द सभी ने सुना भी होगा और इसका अर्थ भी सभी समझते होंगे। एक समय था जब यह शब्द महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी गाली के समान हुआ करता था लेकिन जैसे ही उस शब्द का आधुनिकीकरण हुआ "लीव इन रिलेशनशिप" तबसे ये एक प्रगतिवाद की निशानी बन गया है...
दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसा देश जहां परिवार परंपरा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता था अब कानूनी रूप से उसे परंपरा को छिन्न-भिन्न किया जा रहा है। जहां लिविंग रिलेशनशिप जैसी बातें कानूनी हो जाती हो क्या वहां परिवार व्यवस्था आगे बढ़ सकती है? विवाह के बाद भी पराए पुरुष या स्त्री से संबंध बनाना क्या भारतीय संस्कृति का हिस्सा हो सकता है..? हिंदुओं को विचार करना चाहिए...