" बाल्मीकि समाज हिंदुओं के सबसे वीर समुदाय में से एक है जिन्होंने कभी भी इस्लाम स्वीकार नहीं किया । धर्मपरिवर्तन से बचने के लिए इन्होंने सूअर पालन ही शुरू कर दिया... आज फिर इस समाज ने जो निर्णय लिया वो इनकी वीरता और धर्म के प्रति समर्पण का प्रदर्शक है..
वर्तमान में बाल्मीकि समाज ने #शाहजहांपुर में ईद के दिन निर्दोष जानवरों को तड़पा तड़पा कर मारे जाने का विरोध करने के लिए ईद की कुर्बानी के जानवरों के अवशेष उठाने के इनकार करने का वंदनीय कार्य किया है और हिंद समाज को नई दिशा और शक्ति दी है ".... हम तो स्थानीय हिंदू संगठनों से निवेदन करेंगे कि इनका सम्मान किया जाय... गर्मजोशी के साथ...