२२ अप्रैल के घटना के बाद ६ मई तक सब मोदी की छाती नाप रहे थे … social media पर देख रहा था कि हम जैसे कुछ कट्टर भक्त को छोड़कर अधिकतर ऐसे ही बोल रहे थे …. लड़ाई शुरू होते ही सब मोदी का गुड़गान करने लगे … ये मारा वो मारा, और मारो चढ़कर, बलूचिस्तान बनेगा, POK ले आएगा … आदि आदि ….
लड़ाई बंद होने का डिक्लेअर होते ही सबको एक नंबर की ह राम जा दी इंदिरा याद आने लगी …. Congress और उसके tools का तो ऐसा करना एक्सपेक्टेड था लेकिन right wing वालों का अधिक ही शीघ्र पतन होने लगा …
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अभी कोई casuality नहीं हुई है लेकिन अगर जब थल सेना की सामने सामने की लड़ाई होगी और १०-२० लाशें सैनिकों की कस्बों गांव में जाने लगेगी तो यही जनता और तथाकथित घर बैठ रणबाँकुरे छाती फाड़ के रोने लगेगे ….
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Modi को पता है या नहीं परंतु मैं ये मानता हूँ कि मोदी कैसे लिजलिजे हिंदुओं का नेता है …
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इसी लिजलिजी हिन्दू जनता ने IC814 hijack के समय अपनी औकात दिखाई थी और अटल जी को झुकना पड़ा था जबकि मनमोहन सिंह ने सैकड़ों आतंकी goodwill और gesture के नाम पर छोड़ दिया तब ये सोते रहे थे, हवा तक नहीं लगा ….
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अगर ज़मीन की लड़ाई होगी और लाशें इधर भी गिरेंगी तब इस देश के हिंदू जानता का चिरांधपन देखने को मिलेगा …
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तुम सबका तुम जानो …… मैं हर फैसले में मोदी के साथ हूँ … क्योकि 90 के दशक में दिल्ली में विकासपूरी से जिस बस में चढ़कर पीरागढ़ी chowk के रेडलाइट पर उतरने के बाद रेडलाइट पार करते ही उसी बस में बम फटते देखा हूँ, बाल बाल बचने का अनुभव लिया है ….. जगह जागह लावारीस वस्तु के न छूने पोस्टर और अनाउंसमेंट सुना है … और आज का समय भी देख रहा हूँ ….
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So I am bhakt forever till last bhakt is alive, I will be that last one … भागो भोंडसी वालों ….