आप सरकार को निकम्मा कह रहे हैं और कह भी सकते हैं क्योंकि आपने वोट दिया है और उनसे ही यह सरकार बनी है ! आप देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं इसलिए पाकिस्तान ने जो भयानकतम अपवित्र और नीच हरकत भारत के सनातन हिन्दुओं के साथ अभी हाल ही में जो पहलगाम, कश्मीर में की है उसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान से युद्ध करने के लिए आपकी बेचैनी और उत्सुकता चरम पर है और होनी भी चाहिए !
भारत की सेना वास्तव में इतनी अधिक सक्षम है कि पाकिस्तान या किसी भी शत्रु देश को कुछ ही दिनों में घुटनों पर लाकर धूल चटा सकती है परंतु क्या आप सच में युद्ध के लिए तैयार हैं ? आप को कौन सा युद्ध लड़ना है, यह सोचकर आप झट से एक बार क्या जितनी बार पूछा जायेगा, हाँ ही कर देंगे।
एक बार फिर सोचिये कि, जब हमारे सैनिक सीमा पर लड़ रहे होंगे तब आप का कंजर उर्फ कंजरवाल क्या क्या कर रहा होगा ?
सोचिये कि उस समय काँग्रेस के नेता क्या क्या कर रहे होंगे ?
सोचिये कि भारत के वामपंथी क्या क्या कर रहे होंगे ??
सोचिये कि यहाँ के मुस्लिम नेता क्या क्या कर रहे होंगे ? कथित किसान नेता क्या कर रहे होंगे... रेल रोकने का ऐलान किया है इन्होंने
आपने सोचा है क्या ? क्या जवाब में एक भी चेहरा सामने आया जो युद्ध की स्थिति में सरकार और सेना का साथ देगा और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा ?
इसके अतिरिक्त बहुत संभव है कि युद्ध केवल सीमा पर ही सीमित नहीं रहकर देश के अंदर ही छिड़ जाए : आपके और आपके प्यारे शांतिदूतों के बीच ??
वामपंथियों, माओवादी नक्सलियों और पुलिस के बीच तब सेना क्या करेगी ?
जब आपके बहुत पुराने परिचित साहब तलवार लिए आपके सिर पर खड़े हो जाएंगे तो क्या करेंगे आप ?
सेना और पुलिस की प्रतीक्षा करेंगे ? क्या तैयार हैं आप उस भयानक स्थिति के लिए ??
जहाँ आपकी सोच की सीमा समाप्त होती है प्रधानमंत्री मोदी उससे आगे तक की सोचते हैं !
केवल सैनिकों की ही नहीं, आपकी सुरक्षा की भी चिंता करते हैं !! और ये सब बातें एक प्रधानमंत्री अपने भाषण में नहीं कह सकता ! ये तो केवल एक अनुमान भर है !!
प्रधानमंत्री के पास तो हर चीज़ की लिखित रिपोर्टें रहती है स्थिति तो इससे भी अधिक भयावह हो सकती है !
इस भारत माता के भीतर एक दो नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या में भयानकतम गद्दारों की एक समानांतर फौज है जो राष्ट्र में भयानकतम गृहयुद्ध भी करवा सकती है और करवाने की तैयारी भी बहुत समय से कर रहे हैं और उनके पास लड़ाई के सब साधन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, बस खाली मौके का इंतजार कर रहे हैं !
जैसे कि भारत के सेनाध्यक्ष स्व. जनरल आदरणीय विपिन रावत साहब ने रिटायरमेंट से पहले कहा था कि भारत को चीन और पाकिस्तान केवल दो मोर्चों पर ही नहीं बल्कि कुल "ढाई मोर्चों पर लड़ना पड़ेगा" और वह "आधा मोर्चा है भारत के भयानकतम अंदरुनी गद्दारों का !" "भारत के इन भयानकतम करोड़ों अंदरूनी गद्दारों से कैसे निपटोगे सनातन हिंदुओं ??" तनिक सोचो जरा !!