बौद्धिक लोगो से चर्चा करने के बाद इनको पता चला कि ”सिंदूर” तो कम्युनल है। इस ऑपरेशन का नाम तो ”बुर्का” होना चाहिए था। तब शायद सेकुलरिज्म जिंदा रह पाता देश मे। पता नही अब संविधान भी बचेगा या हो सकता है ”ऑपरेशन सिंदूर” की वजह से संविधान भी खतरे में ना आ जाये।
एक बात और, बौद्धिकता तो इनके चेहरे के हावभाव से साफ़-साफ़ झलक रही है! कांग्रेस आखिर कितना नीचे गिरेगी? हिंदुओं के प्रति घृणा के कितने स्तर तोड़ेगी? सबसे बड़ी दुख की बात तो ये है कि इस हिंदू द्रोही और कई मामलों में देश के लिए घातक कांग्रेसी सोच का कथित राष्ट्रप्रेम सनातनी कैसे सपोर्ट कर सकते है..? क्या हिंदू अपनी आत्मा को बेचकर उन लोगों के साथ है जो हिंदुत्व से, हिंदू धर्म से, हिंदू देवी देवताओं से, हिंदू ग्रंथों से, हिंदू परंपराओं से, घृणा करते हैं🙄🙄