अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बैनर तले दशनामी नागा साधुओं ने ये निर्णय लिया है कि हिंदू मठों और मदिरों की रक्षा करने के लिए कश्मीर कूच करेंगे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष और पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस निर्णय की जानकारी दी ... क्या हिंदू समाज अपने साधुओं के साथ खड़ा नहीं होगा...?
हिंदू साधुओं ने जो ऐलान किया है वो धर्मरक्षार्थ है, ऐसे में हर सनातनी धर्मप्रेमी को अपने संतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए और इस अभियान में यथासंभव सहयोग करना चाहिए। संत समाज से भी निवाद है कि केवल कश्मीर ही नहीं पूरे भारत में संतों के अभियान को आवश्यकता है ताकि पुनः धर्म की मजबूती से स्थापना हो सके...
संतों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जगतगुरू शंकारचार्य की तपस्थली रहा है. ऐसे में हिंदू मठ और मंदिरों की रक्षा करना हम नागा साधुओं का कर्तव्य है. दरअसल हरिद्वार के कनखल स्थित जगतगुरु आश्रम की स्थापना के मौके पर मंहत रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में संतों महंतों की एक बैठक में दशनाम नागा साधुओं ने फैसला लिया कि वो जम्मू-कश्मीर कूच करेंगे l
इस बैठक में शंकराचार्य स्वामी राजेश्वराश्रम महाराज, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महराज, श्री निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज भी बैठक में मौजूद रहे. महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई ताकि पूरे देश के लोग वहां जाकर रहें. कश्मीर में शांति हो सके. उन्होंने नागा संन्यासियों के कश्मीर के लिए कूच करने पर सरकार से सहयोग की अपील की l