ये बात देश का हर व्यक्ति जानता है कि स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना देश के लिए लाभकारी है लेकिन फिर भी भारत में लोगों के दिमाग में ऐसा बिठाया गया है कि वो इंपोर्टेड का प्रयोग करने को प्रेस्टीजियस मानते हैं और स्वदेशी को तुच्छ। कुछ वर्षों पहले तक तो कई उत्पाद स्वदेशी नहीं मिलते थे लेकिन अब तक हर उपयोगी वस्तु मेड इन भारत, मेक इन भारत उपलब्ध है वो भी अच्छी गुणवत्ता के साथ... फिर क्यों हम देश हित में स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग के लिए संकल्पित नहीं हो सकते
देश भक्ति केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा उठाने में नहीं अपितु पूरे साल स्वदेशी वस्तुओं को खरीद उनका प्रयोग करने और अन्य लोगों को स्वदेशी के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करके भारतीय ध्वज को गौरवान्वित करने में है। हमारा पैसा हमारे शत्रुओं के हाथ में जाए ऐसा तो हम नहीं चाहेंगे फिर भी विदेशी वस्तुएं खरीद खासकर "चीन" जैसे शत्रु राष्ट्र का सामन खरीद हम शत्रु को मजबूत ही करेंगे...इससे हमें बचना चाहिए