अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर से बचा लिया। पहले उसे IMF के जरिए एक अरब डॉलर रुपये दिलवाए और फिर बीच-बचाव करके युद्धविराम की घोषणा करवा दी। अंतरराष्ट्रीय मर्यादा को ध्यान में रखकर भारत ने फिलहाल हाथ तो रोक लिए हैं, लेकिन इस घटनाक्रम ने पश्चिमी ईसाई देशों के चरित्र को उजागर किया है।
अब समय आ गया है पर्दे के पीछे से छुपकर भारत की पीठ पर वार करने वाले शत्रुओं को जो दुनिया के चौधरी बनते हैं, जो असली आतताइ हैं, इस भारतीय धर्म और संस्कृति के विरुद्ध अंतराष्ट्रीय गठजोड़ का मुखौटा उतारने की जरूरत है