हिन्दू संगठनों को इस बच्ची को न सिर्फ पुरस्कृत करना चाहिए, बल्कि विभिन्न मंचों पर सम्मान के साथ मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना चाहिए।इतनी छोटी बच्ची ने बहुत बड़ा काम कर दिया है। एक कम पढ़ी-लिखी नवविवाहिता बच्ची संगीता जब अपने ससुराल पहुँची तो वहाँ पूजा घर में क्रॉस देखकर अपने घर भाग आयी और स्पष्ट बोल दिया कि मैं ईसाई नहीं बनूँगी।
इसने ससुराल वालों पर केस भी कर दिया। इस दबाव के कारण ससुराल वालों को हिन्दू धर्म में घर वापसी करनी पड़ी। इसके साथ इसके माता-पिता भी धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने अपने बच्ची को अपने धर्म पर दृढ़ रहने का संस्कार दिया।
दैनिक भास्कर रिपोर्ट🙏💪🏻